एकमा/टेघरा (सारण)। हिंदी-भोजपुरी के लेखक, विचारक, एक संत और एकमा-मांझी सहित पूरे सारण जिले में नव-जागरण के पुरोधा प्रो राजगृह सिंह नहीं रहे। शुक्रवार की सुबह एकमा नगर पंचायत बाजार के राहुल नगर मोहल्ला स्थित उनके आवास पर हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। वह लगभग 85 वर्ष के थे। अपने पीछे वह अपनी बेटी, दामाद, भाई-भतीजा सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके दामाद व श्रीराम वाहिनी गोरक्ष सेवा न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह, उनके अनुज राजनाथ सिंह, भांजे व भोजपुरी के सुप्रसिद्ध कवि मनोज भावुक ने निधन की जानकारी देते हुए बताया कि राजगिरी सर, राजगृही सर और राजगृह सर के नाम से विख्यात प्रो राजगृह सिंह सारण जिले के जैतपुर-दाउदपुर स्थित नंदलाल सिंह कॉलेज में हिंदी के विभागाध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए थे। बताया गया है कि छपरा, एकमा व मांझी के इलाके में स्थापित अधिकांश स्कूल-कॉलेजों के संस्थापकों के वह प्रेरणास्रोत रहे हैं। वहीं अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन समेत हिंदी-भोजपुरी की तमाम संस्थाओं के मार्गदर्शक मंडल, संस्थापक सदस्य व संपादक सदस्य रहे हैं। कवितांजलि व कथांजलि नाम की उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हैं। वहीं अनेक विषयों पर सैकड़ों लेख विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हुई हैं।


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