राष्ट्रनायक न्यूज।
गरखा (सारण)। मिर्जापुर पंचायत के रतनपुराबसंत गांव में स्वतंत्रता सेनानी बाबू बच्चूसिंह के स्मृति आज स्थानीय लोगों ने सेमिनार का आयोजन किया। इस अवसर पर उनके सन् 42के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान की लोगों द्वारा चर्चा की गई तथा लोगों द्वारा उनके चित्र पर माल्यार्पण भी किया गया। अंग्रेजी शासन के विरुद्ध गड़खा से इन्द्रदेव चौधरी के साथ उनकी टीम में बच्चू सिंह भी काफी सक्रिय थे। कहा जाता है कि आन्दोलनकारियों ने गड़खा थाना को आग के हवाले कर दिया जिसके बाद से अंग्रेजी पुलिस इस टीम के शेष बचे सभी सदस्यों को मारने या गिरफ्तार करने के लिए बराबर दबिश बनाती रहती थी। जब गड़खा चौक पर सेनानी इन्द्रदेव चौधरी को गोली मारी गई। उस समय मौके पर ही छत से कूद कर जान बचाकर भागने में बच्चू सिंह भी सफल रहे थे और अंग्रेजी पुलिस को चकमा देकर नदी में तैरते हुए बच्चूसिंह भाग निकले थे पर उनकी गिरफ्तारी को लेकर बराबर अंग्रेजी पुलिस उनके घर पर छापा मारती रही और ये कभी पेड़ो पर तो कभी गांव -गांव छिपते फिरे। वक्ताओं ने कहा कि आजादी से जुडे़ इस सेनानी का गरखा प्रखण्ड कार्यालय परिसर में शिलापट्ट पर इनका नाम छोड़ दिया गया। इनके आश्रितों को कोई लाभ नहीं मिला यहां तक कि उन्हें सरकार द्वारा दी गई सेनानी प्रमाण पत्र भी किसी ने धोखे से ले ली। आज भी उनके आश्रितों की स्थिति बदहाल है। बैठक में मुनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव, राजेश्वर पाण्डेय,उमालाल श्रिवास्तव, अनिल सिंह, शिवनाथ सिंह, संत ज्ञानेश्वर, बालेश्वर पाठक, मनोज सिंह, धनेश सिंह, अजय सिंह, जयकिशोर सिंह, मुन्ना श्रिवास्तव, सुनिल राम, भुवनेश्वर सिंह आदि बहुत से लोग शामिल थे।


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