राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

10 वर्षों में भी कम नहीं हुआ मशरक के गंडामन गांव का दर्द

राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। जहरीला मिड डे मील खाकर अपनी जान गवाने वाले बच्चे आपको याद होंगे। बिहार के सारण जिले के मशरख प्रखंड के गंडामन धर्मासती में 16 जुलाई के दिन 10 वर्ष पूर्व दर्दनाक हादसा हुआ था। जिसका दर्द आज भी ताजा है। मसरख मेरा गृह प्रखंड है और घटना वाला गांव मेरे गांव से चंद किलोमीटर की दूरी पर है। इस कारण से उस गांव की सिसकियां आज भी आते जाते टकरा ही जाती है। 10 वर्ष गुजर गए पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार भी पीड़ित लोगों के आंसू पोछने नहीं पहुंचे आज भी गांव वालों को मुख्यमंत्री के आने की प्रतीक्षा है। 10 वर्ष पहले 16 जुलाई 2013 को मशरक प्रखंड के धरमासती बाजार के पास गंडामन गाव के सामुदायिक भवन में चल रहें प्राथमिक विद्यालय में बन रहें भोजन को खाने से 23 छोटे छोटे मासूम बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई थी। 16 जुलाई 2013 को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे मासूम बच्चे खाना मिलने का इंतजार कर रहे थे। रसोइया ने एक बच्चे को स्कूल की प्रधान शिक्षिका मीना देवी के घर से सरसों तेल लाने को भेजा। सरसो तेल के डिब्बे के पास ही छिड़काव के लिए तैयार कीटनाशक रखा था। बच्चे ने तेल के बदले कीटनाशक का घोल लाकर दे दिया, जो बिल्कुल सरसो तेल जैसा ही था। रसोइया जब सोयाबीन तलने लगी तो उसमें से झाग निकलने लगा। उसने इसकी शिकायत एचएम मीना देवी से की। मीना देवी ने इसका ध्यान नहीं दिया। उसके बाद जब खाना बनकर तैयार हो गया और बच्चों को परोसा गया तो बच्चों ने खाने का स्वाद खराब होने की शिकायत की। कहते हैं कि बच्चों की शिकायत को नजरअंदाज करते हुए मीना देवी ने डांटकर भगा दिया था। कुछ देर बाद ही बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गया। इसके बाद देखते ही देखते 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया। विद्यालय की रसोइया और 25 बच्चे पीएमसीएच में कठिन इलाज के बाद वापस गांव आ पाये थे।23 बच्चों की मौत को लेकर मशरक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। उसमें प्रधान शिक्षिका मीना देवी समेत उनके पति अर्जुन राय को भी आरोपित किया गया। मीना देवी को एसआइटी में शामिल महिला थानाध्यक्ष अमिता सिंह ने 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया। बाद में कोर्ट ने पति अर्जुन राय को बरी कर दिया था। लेकिन प्रधान शिक्षिका को दोषी मानते हुए दो सजा सुनाई गई। पहली 10 वर्ष की सश्रम कैद एवं ढाई लाख जुर्माना, दूसरी सात वर्ष सश्रम कैद एवं 1.25 लाख रुपये अर्थदंड की सजा थी। कोर्ट ने कहा था कि दोनों सजा अलग-अलग चलेगी। पहले 10 वर्ष की सजा और बाद में 7 वर्ष की सजा काटनी होगी। फिलहाल मीना देवी जमानत पर बाहर हैं। बच्चों की मौत के बाद सरकार ने गंडामन गांव को गोद ले लिया था। इसके बाद गांव के विकास को पंख लग गए। जिस स्कूल में घटना हुई उसका नया बिल्डिग बना और उसे अपग्रेड किया गया। मृत बच्चों की याद में करोड़ो की लागत से स्मारक, इंटर कॉलेज की स्थापना, स्वास्थ्य उपकेंद्र, जल मीनार बनी। गांव की अधिकांश सड़कों को चकाचक कर दिया गया। पूरे गांव में बिजली की व्यवस्था,पीड़ित परिवारों सहित गांव के अन्य लोगों को भी पक्का आवास, पेंशन योजना, परिसर में पोखरे का उन्नयन आदि अनेक विकास योजनाओं को साकार कर दिया गया। हालांकि कई योजनाएं पूरी हुई पर कुछ योजनाएं अब भी अधूरी हैं।गंडामन गांव में जिन घरों के चिराग बूझ गए, उनके घर एक बार फिर मातम का दौर है। इस हृदय-विदारक घटना की यादें ताजा होते ही गांव के हर लोगों की आंखें नम हो जा रही है। करीब-करीब हर दूसरे घर के बच्चे को इस घटना ने लील लिया।

You may have missed