- गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों के लिए टेलीमेडिसीन कंस्लटेंसी का अहम योगदान:
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशिक्षित कर्मियों के माध्यम से कराया जाता है ई-टेलीकंस्लटेंसी: सिविल सर्जन
- किसी भी बीमारी या संक्रमण को समय रहते उपचार में टेलीमेडिसिन की भूमिका महत्वपूर्ण: डीपीसी
राष्ट्रनायक न्यूज।
पूर्णिया (बिहार)। संचार क्रांति के इस युग में राज्य की गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों को चिकित्सीय सुविधाएं विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से टेलीमेडिसीन कंस्लटेंसी के तहत अनवरत दी जा रही है। जिसका नतीजा यह है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को घर बैठे या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से चिकित्सा विज्ञान द्वारा उचित सलाह एवं परामर्श मिलने के साथ ही दवाओं की उपलब्धता से कई तरह की बीमारियों का उपचार हो रहा है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में नित नई-नई तकनीकी व्यवस्था को सुदृढ करने में लगी हुई है। सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि विगत दिनों स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों से संबंधित समीक्षात्मक बैठक के दौरान जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने ई-टेलीकंस्लटेंसी को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया था। जिसके आलोक में जिले के सभी हब और स्पॉक्स ने बेहतर टेलीमेडिसिन सेवाएं देते हुए राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशिक्षित कर्मियों के माध्यम से कराया जाता है ई-टेलीकंस्लटेंसी: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन क्रियान्वयन के तहत एक हब और स्पोक्स की प्रतिनियुक्ति की गई है। सबसे पहले मरीज के द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित एएनएम के पास कॉल किया जाता है। उसके बाद मरीजों से बातचीत के आधार पर मिली समस्या को एएनएम के द्वारा चिकित्सकों के पास ऑनलाइन भेजा जाता है। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ई-टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को चिकित्सीय परामर्श दिया जाता है। हालांकि इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों से विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं एएनएम को स्वास्थ्य विभाग द्वारा चयनित करने के बाद ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन से संबंधित प्रशिक्षित किया जा चुका है।
जिलेवासियों को किसी भी बीमारी या संक्रमण को समय रहते उपचार में टेलीमेडिसिन की भूमिका महत्वपूर्ण: डीपीसी
जिला योजना समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि प्रत्येक महीने के पहले और तीसरे बुधवार को विशेष रूप से ई-टेलीकंस्लटेंसी का संचालन किया जाता है। विगत 06 सितंबर को टेलीमेडिसीन कंस्लटेंसी के माध्यम से पूरे बिहार में 54 हज़ार, 9 सौ 13 ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज़ों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा चिकित्सीय परामर्श दिया गया था। जिसमें केवल पूर्णिया ज़िले में 3 हज़ार, 5 सौ, 37 मरीज़ों का उचित चिकित्सीय परामर्श के साथ ही निःशुल्क दवा का वितरण भी किया गया है। स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के तहत ई- टेलीमेडिसिन की सुविधाएं शुरू की गई हैं ताकि ज़िले के निवासियों को किसी भी बीमारी या संक्रमण को समय रहते उसका उपचार किया जा सके। इसके सफल क्रियान्वयन में प्रशिक्षित चिकित्सकों, एएनएम एवं स्वास्थ्य कर्मियों को विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित किया गया है।
More Stories
टीबी के अभिशाप को मिटाने के लिए पंचायतों को लिया जायेगा गोद
अब घर की दहलीज तक टीबी के संदिग्ध मरीजों की जांच की सुविधा उपलब्ध
सारण के 318 पंचायत में 6 लाख की लागत से बनना है पुस्तकालय, मुखिया नहीं ले रहे है रूची, अबतक नहीं खुला एक भी पुस्तकालय