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इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष नामांकन में छात्रों से अवैध वसूली पर रोक लगाने को ले एआईएसएफ ने डीएम को दिया आवेदन

इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष नामांकन में छात्रों से अवैध वसूली पर रोक लगाने को ले एआईएसएफ ने डीएम को दिया आवेदन

  • छात्रों से नामांकन में अवैध वसूली पर जल्द रोक नहीं लगी तो होगा उग्र आंदोलन: एआईएसएफ

छपरा(सारण)। इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष नामांकन में छात्र-छात्राओं से हो रहे अवैध वसूली के खिलाफ ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) सारण जिला इकाई की ओर से राज्य उपाध्यक्ष राहुल कुमार यादव ने सारण जिलाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, और अनुमंडल पदाधिकारी को छात्रहित में आवेदन सौंपा है। जिसमें कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना एवं भयंकर बाढ़ के बीच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निर्देशानुसार सारण जिला सहित बिहार के सभी इंटरमीडिएट महाविद्यालयों, उच्च माध्यमिक+2 विद्यालयों में इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष में नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिले के विभिन्न प्रखंडों के छात्र-छात्राओं एवं उनके पेरेंट्स से फोन पर मिल रही जानकारी के अनुसार इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष नामांकन कराने में कॉलेजों द्वारा छात्र-छात्राओं से सरकार द्वारा निर्धारित राशि से दुगनी से तिगुनी राशि की अवैध वसूली की जा रही है। जब एआईएसएफ के छात्र नेताओं ने जिले के विभिन्न कॉलेजों का दौरा कर सत्यता की जांच की तो गंगा सिंह काॅलेज छपरा सहित कई कॉलेजों में अवैध वसूली को सही पाया। कोरोना, बाढ़ से आम जनजीवन पहले ही पूरी तरह त्रस्त है। कई प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार बाढ़ के कारण कई स्कूल पानी से घिरे हुए हैं, जहां प्रमाणपत्र और अंकपत्र नहीं पहुंचा है। ऐसे में विद्यार्थियों के लिए नामांकन लेना चुनौती है। इसी बीच इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष नामांकन शुरू होने के बाद कोरोना, बाढ़ के कारण आसपास के हालात और आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण छात्र-छात्राएं और पेरेंट्स दुविधा में है। उन्हें आने-जाने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लगभग सभी सरकारी इंटरमीडिएट महाविद्यालयों में छात्र छात्राओं से 500-1000 व +2 स्कूलों, वित्त रहित महाविद्यालयों द्वारा 2500-3000 की वसूली की जा रही है जो अवैध है। राज्य सरकार के आदेशानुसार प्रथम वर्ष नामांकन में छात्राओं से कोई नामांकन शुल्क नहीं लेनी है। फिर भी जिले के अधिकांश कॉलेजों द्वारा नामांकन मद में छात्राें से 1000-2000 नाजायज वसूली जारी है। वहीं छात्रों से भी सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क से कहीं ज्यादा नाजायज वसूली कॉलेज प्रशासन द्वारा की जा रही है। जो काफी दु:खद और शर्मनाक है। राज्य उपाध्यक्ष ने कहा है कि ऐसी हालात सरकारी स्तर पर उचित मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण छात्रों को आर्थिक और मानसिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने जिलाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी से मांग किया है कि छात्र हित, बिहार हित में नामांकन के लिए छात्रों को कुछ दिनों कि और मोहलत दी जाए, छात्रों से ली जाने वाली नामांकन फीस की उचित राशि सार्वजनिक की जाए। सूचना बोर्ड एवं कॉलेज कैंपस में जगह-जगह निर्धारित राशि की सूचना लगाना प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जाए तथा छात्र-छात्राओं से की जा रही नाजायज वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए एवं उचित जांच करा दोषी कॉलेज प्रशासन, प्राचार्यों के ऊपर करवाई की जाए।र उन्हाेंने कहा कि नामांकन में अवैध वसूली पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई और मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी कॉलेज प्रशासनों पर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो एआईएसएफ छात्रहित में उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा।

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