लॉकडाउन में लौटे प्रवासियाें को नहीं मिला रोजगार तो गांव छोड़कर फिर से परदेश लौटने लगे मजदूर, फैक्ट्री मालिक भेज रहे है बस
कशिश भारती की रिपोर्ट
छपरा। कोरोना महामारी के फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान महानगरों से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर को लौटे थे। लेकिन लॉकडाउन के पूरी तरह खुलने से पहले ही अब इनका पलायन फिर से शुरू होने लगा है। बिहार के अधिकांश जिले जिनमें सारण भी शामिल है से काम की तलाश में मजदूर वर्ग के लोग वापस परदेश जाने के लिए मजबूर हैं। इनका पलायन फिर से तमिलनाडु में हो रहा है। जहां कोरोना का कहर जारी है। तमिलनाडु से आयी विशेष बस से करीब 40 की संख्या में सारण जिले के गड़खा से मजदूर तमिलनाडु के विजयवारा लौटे. घर छोड़कर वापस जा रहे मजूदरों ने कहा कि कोरोना से ज्यादा गंभीर स्थिति बेरोजगारी और भूखे मरने की समस्या हो गयी है। मजदूरों की मानें तो करीब चार माह पूर्व घर लौटे मजदूर दूसरे प्रदेश नहीं जाने का मन बना चुके थे। लेकिन क्षेत्र में कोई कार्य नहीं मिलने से बेवजह घर बैठने से घर का खर्च चलना भी मुश्किल हो रहा था। इनकी मानें तो प्रशासन की ओर से अब तक केवल कोरा आश्वासन देने के सिवा कुछ नहीं किया गया। कोई काम नहीं मिलने से घर में बैठकर खाना भी अब मुश्किल होने लगा था, जिससे लाचार होकर सभी फिर से तमिलनाडु लौटने लगे। गड़खा प्रखंड क्षेत्र के इन मजदूरों ने नाम नहीं छपाने के शर्त पर बताया कि तामिलनाडू के विजयवारा स्थित कंपनी के ठेकेदारों ने फोन कर काम करने के लिए बुला रहे थे। जब कंपनी के मालिक ने बस भेजकर बुलाने की बात कही तो जाने के राजी हुए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान घर लौटने पर वापस नहीं जाने की कसम खाई थी लेकिन अब जाना मजबूरी बन गई है। ऐसे में परिवार चलाने के लिए परदेश जाना पड़ रहा है।


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