अमनौर के 18 पंचायतों के लाखों लोग बाढ़ से हुए तबाह
- प्रशासन ऊंट के मुंह में जीरा के फौरन जैसी कर रही काम
- ग्रामीणों का आरोप सीओ और बीडीओ है गायब
- सीओ ने कहा 18 पंचायतों में 72 रसोई केंद्र चल रही
मुरारी स्वामी|भेल्दी
अमनौर प्रखण्ड में बाढ़ का पानी से लोगों का दर्द यथावत बना हुआ है। विगत एक माह से अधिक समय से पानी के बीच घिरे लोगों को अब युद्ध स्तर पर राहत की दरकार है। अभी भी लाखों लोग प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे राहत सामग्री वितरण से महफूज हैं। ग्रामीणों का आरोप हैं अमनौर सीओ और बीडीओ के स्तर से अबतक किसी भी गाँव में बाढ़ पीड़ितों के मदद नही की गई हैं। वही कुछ लोग तो प्रखण्ड के पदाधिकारियों को गायब होने के आरोप लगा रहे हैं। बावजूद प्रशासन का दावा है कि राहत वितरण का कार्य तेज कर दिया गया है। बाढ़ में तबाह लाखों की आबादी खाने-खाने को तरस रहे हैं। आबादी की तुलना में चलाया जा रहा रसोई केन्द्र भी कम पड़ रहा है। अपना फसल घर सब कुछ गवा चुके बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी नजर नहीं आ रहे हैं।
शौचालय की समस्या बन सकती है महामारी
जिला के कई प्रखंडों में आई बाढ़ से लोगों का घर पानी में पूरी तरह डूब चुका है। ऐसे में लाखों लोग सड़क किनारे ऊंचे स्थान पर रह रहे हैं, परंतु शौचालय करने की समस्या सबसे ज्यादा है। कुछ लोग सड़क किनारे शौच कर रहे हैं तो कुछ लोग पानी में ही शौच करने को मजबूर हैं। खुले में शौच की गंदगी से बीमारी बढ़ रही है। जिससे लोग बीमार और रहे हैं। प्रशासन द्वारा अभी तक कहीं भी ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं करने से बीमारी बृहद रूप में बढ़ सकता है।
अंचलाधिकारी बोले- 18 पंचायतों में चल रही है 72 रसोई
सीओ सुशील कुमार ने बताया कि अमनौर प्रखंड के 18 पंचायतों में 72 सामुदायिक किचन में बाढ़ पीड़ितों के लिए सुबह-भोजन बन रही है। जिसमें फिलहाल 63 चल रही है, जबकि 9 अभी बंद है जिसे पुनः चालू किया जाएगा। वही 1750 बाढ़ पीड़ितों के बीच त्रिपाल का वितरण किया गया।


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