छपरा में नर्सिंग होम एवं प्राईवेट अस्पतालों में हो रहा लाल खूल का काला धंधा, सोशल मीडिया पर वीडियों वायरल
सिविल सर्जन बोलें- जांचकर दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
छपरा(सारण)। शहर के नर्सिंग होम एवं प्राईवेट अस्पतालों में इन दिनों लाल खून का काला कारोबार खुब फलफुल रहा है। जरूरतमंद लोग अपने मरीज की जान बचाने के लिए खून के दलालों के चुंगल में आसानी से फंस जा रहे है और ये दलाल प्राईवेट अस्पताल एवं नर्सिंग होम संचालकों मोटी रकम वसूल कर धड़ल्ले से खून दे रहे है। ऐसे में सवाल उठता है आखिरकार ये खून किस व्यक्ति से प्राप्त किया जा रहा है और कहां से आ रहा है। सबसे आश्चर्य की बात है कि इस गोरखधंधा का अभी तक जिला प्रशासन एवं सदर अस्पताल को पता तक नहीं है। जानकारी के अनुसार सदर किसी जरूरतमंद को मरीज के लिए खून की आवश्यकता थी, जिसके लिए परेशान था, तब ही वो खून के दलाल के चुंगल में फंस जाता है। परंतु उसने खून खरीदते हुए नर्सिंग होम संचालक का खून एवं रूपये लेन-देन करते हुए वीडियों बना लेता है। लेकिन उसने इस वीडियों को वायरल कर सदर अस्पताल के ब्लड बैंक के कार्यशैली एवं अस्पताल प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
साढ़े चार हजार में एक यूनिट खून की हो रही खरीद-बिक्री
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुई। जिसमें शहर के नगर थाना क्षेत्र के साढ़ा ढ़ाला स्थित एक निजी नर्सिंग होम संचालक द्वारा खून के बदले 35 से 45 सौ रुपये ली जा रही है। वही कर्मियों द्वारा बताया जा रहा है कि एक-दो दिन पहले सूचना देने पर कम दाम में खून उपलब्ध हो जाती है। जबकि तत्काल के लिए अधिक राशि लगती है।
सिविल सर्जन बोलें- जांचकर दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. मधेश्वर झा ने कहा यदि बाहर कोई खून बेच रहा है तो वह गैरकानूनी है। जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में अधिकृत रूप से ब्लड बैँक संचालित है। ब्लड बैंक में ही रक्तदान करना और खून चढ़ाना नियम सम्मत है।


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