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छपरा में रसायिनक खाद की कालाबाजारी के आरोप में 10 प्रखंडों के 30 उर्वरक दुकानदारों का लाईसेंस रद्द, पॉस मशीन जब्त

छपरा में रसायिनक खाद की कालाबाजारी के आरोप में 10 प्रखंडों के 30 उर्वरक दुकानदारों का लाईसेंस रद्द, पॉस मशीन जब्त

कशिश भारती। छपरा 
जिले में किसानों की आय दोगुणी करने को लेकर कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। किसानों को अनुदान पर रसायनिक खाद, बीज भी उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन उर्वरक, खाद-बीज के लाईसेंसधारी दुकानदारों के कारगुजारी के कारण वास्तविक किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। साथ ही इन किसानों को लाभ देने के बदले एक ही किसानों के आधार कार्ड पर सैकड़ों बोरा खाद देकर कालाबाजारी भी किया जा रहा है। इस मामले का खुलासा कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त टीम द्वारा जांच में हुआ है। इसके बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए जिले के करीब 10 प्रखंडों के 30 उर्वरक दुकानों का लाईसेंस रद्द कर दिया है तथा उनका पॉस मशीन भी जब्त कर लिया है। इस कार्रवाई के बाद जिले के उर्वरक विक्रेताओं में हड़कम्प मच गया है। मिली जानकारी के अनुसार जिले के मांझी, एकमा, दरियापुर, लहलादपुर, मढ़ौरा, सदर,छपरा, तरैया, परसा, एवं जलालपुर के करीब 30 उर्वरक दुकानों का लाईसेंस रद्द कर दिया गया है। इन दुकानदारों द्वारा एक ही किसान के आधार कार्ड पर आवश्यकता से अधिक यूरिया सहित अन्य रसायनिक खाद दिया गया है। जिससे ऐसा प्रतीत हुआ है कि इन दुकानदारों ने एक किसान के नाम पर खाद का उठाव दिखाकर कालाबाजारी किया गया है। इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 30 लाईसेंसधारी उर्वरक विक्रेताओं का लाईसेंस रद्द कर दिया है।

आधार कार्ड नंबर के जरिय पॉस मशीन से किसानों को दिया जाता है उर्वरक

जिले में किसानों को खाद, बीज एवं रसायनिक उर्वरक लाईसेंसधारी दुकानदारों के माध्यम मुहैया कराया जाता है। सभी लाईसेंसधारी दुकानों पर पॉस मशीन लगाया गया है। ताकि रसायिक खादों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाया जा सके। जहां दुकानों पर पॉस मशीन के माध्यम से किसान के आधार संख्या एवं अंगुली का मैच कराकर आवश्यकता के अनुसार खाद, बीज एवं अन्य रसायनिक उर्वरक उपलब्ध कराया जाता है।

एक किसान के आधार पर सैकड़ों बोरा दिया गया है खाद

पॉस मशीन से एक ही किसान के आधार संख्या पर सैकड़ों बारो रसायनिक खाद देने का मामला सामने आया है। कृषि विभाग के अधिकारियों की माने तो दुकानदार द्वारा एक ही किसान को आवश्यकता से अधिक खाद देने के मामला आने के बाद जांच किया गया। जांच में सत्यापित होने के बाद उर्वरक दुकानदारों के लाईसेंस रद्द कर दिया गया है।

एडीएम के नेतृत्व में बना जांच टीम
उर्वरक दुकानदारों द्वारा एक ही किसान को आवश्यकता से अधिक उर्वरक देने के मामले की जांच को लेकर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने एडीएम के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया। जिसे सभी दुकानों को बारिकी से जांच करने का निर्देश दिया। जांच में गड़बड़ी मिलने पर 30 दुकानदारों पर कार्रवाई की गई है।
उर्वरक दुकानदारों को जब्त किया गया पॉस मशीन

उर्वरक विक्रेताओं द्वारा रसायनिक खादों की हेराफेरी की जांच मंश सत्यता पाये जाने के बाद जांच टीम ने पॉस मशीन भी जब्त कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार जांच के दौरान इन दुकानदारों द्वारा किसानों को बिना जानकारी दिये ही उनके आधार कार्ड पर खाद का उठावकर बिक्री किया गया है। जिसके बाद कार्रवाई की गई है।

डीएओ बोले- एक किसान को आवश्यकता से अधिक खाद देने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तहत की गई कार्रवाई

जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. के.के. वर्मा ने बताया कि पॉस मशीन से खाद खरीदने वाले किसानों का डाटा ऑनलाइन सुरक्षित रहता है। जिसका अवलोकन करने पर पता चला कि दुकानदार एक किसान को आवश्यकता से अधिक खाद दिया गया है। जिसकी सूचना पर डीएम के निर्देश के आलोक में जांच टीम गठित कर दुकानों का जांच कराया गया है। जिसमें करीब 10 प्रखंडों के 30 उर्वरक दुकानदारों द्वारा एक किसान को अत्याधिक उर्वरक देना सत्यापित हुआ है। जिस पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के सुसंगत धाराओं के अंतर्गत 30 दुकानदारों का लाईसेंस रद्द किया गया है। आगे भी दुकानों की जांच की जाएंगी। गड़बड़ी, हेराफेरी एवं कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।