अंतराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर कन्हौली संग्राम में निरंकारी संत समागम के सदस्यों ने की चर्चा
संजय कुमार सिंह की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
बनियापुर (सारण)। बृद्धजन के अनुभव एवं ज्ञान हमेशा से समाज के लिये प्रेरणादायी और सदुपयोगी रहे है। मगर बदलते समय मे संयुक्त परिवार की कमजोर पड़ती अवधारणा को लेकर बृद्धजनो को शारीरिक, भावनात्मक एवं आर्थिक परेशानियों के बीच गुजर-बसर करना पड़ रहा है। जो काफी निंदनीय है। उक्त बातें गुरुवार को अंतराष्ट्रीय बृद्धजन दिवस के अवसर पर कन्हौली संग्राम में निरंकारी संत समागम के सदस्य पशुपतिनाथ सिंह ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही।भारतीय संस्कृति और सामाजिक परम्परा में बुजुर्गों को सम्मान देने एवं उनके प्रति श्रद्धापूर्ण व्यवहार की प्रबृत्ति अनुकरणीय मानी गई है। जिसको पुनर्जीवित करने पर बल दिया गया।वही बृद्धजनो की समस्याओं के निराकरण हेतु नैतिक एवं सामाजिक स्तर पर युवा वर्ग से आगे आने की अपील की गई।ताकि उनकी जरूरतों को पूरा करते हुए समुचित सम्मान और सहयोग मुहैया कराई जा सके। हालांकि राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के कल्याणार्थ कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही है। ताकि बृद्धजन इनसे लाभान्वित होकर सम्मानपूर्वक सुरक्षित जीवन-यापन कर सके। बावजूद इसके पारिवारिक कलह की वजह से बृद्धजनो को कही न कही उपेक्षा तथा एकाकीपन जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। जो सभ्य समाज के लिये कही से भी उचित नही है। मौके पर अधिवक्ता शम्भूनाथ पांडेय, दशरथ राय, लक्ष्मण राय, बाबूलाल राय सहित दर्जनों लोग उपस्थित थें।


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