जयंती समारोह में अपने पिता को जयप्रकाश द्वारा लिखित पत्र को वीरेंद्र शुक्ल ने पढ़ा
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। बिहार विधानपरिषद सदस्य प्रो वीरेन्द्र नारायण यादव के आवास पर वीरेन्द्र शुक्ल की अध्यक्षता में 11 अक्टूबर को आयोजित लोकनायक जयंती समारोह में सहायक प्रो धनजंय कुमार आजाद ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण विश्व के इकलौते व्यक्ति ऐसे होंगे जिन्होंने देश की आजादी के लिए दो लड़ाइयाँ लड़ी। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रो वीरेंद्र नारायण यादव ने बताया कि यह लोकनायक जयप्रकाश नारायण की धरती है जिन्होंने सम्पूर्ण क्रांति से पूरे देश को झकझोर दिया। आगे बताया कि लोकनायक की जयंती के शुभ अवसर पर पिछले कई आयोजनों में देश के प्रसिद्ध विद्वान प्रो इम्तियाज अहमद, प्रो नामवर सिंह, प्रो मैनेजर पांडेय एवं डॉ हरिवंश नारायण सिंह आदि ने आकर जय प्रकाश विश्वविद्यालय में संबोधित कर चुके हैं। समारोह की अध्यक्षता कर रहे वीरेन्द्र शुक्ल ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में बताया कि मेरे पिता स्व विशम्भर दयाल शुक्ल लोकनायक जयप्रकाश नारायण के साथ हजारीबाग जेल में रहे थे। मेरे पिता के कंधों पर चढ़कर ही लोकनायक ने कारागार से निकल भागने का कार्य किया था। अध्यक्ष ने जयप्रकाश द्वारा अपने पिता के बारे में लिखे एक पत्र को भी पढ़ा। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि आज यदि जयप्रकाश जी होते तो देश के आजादी की तीसरी लड़ाई भी लड़ते क्योंकि वर्तमान में देश की स्थिति बहुत नाजुक अवस्था में है। जयंती समारोह में उपस्थित डॉ दिनेश पाल, नागेंद्र राय, सुरेश कुमार, अजय कुमार, रजनीकांत रंजन, शुभम, शिवनाथ राम, नंदकिशोर राम आदि ने भी अपने विचार को रखा। समारोह का संचालन विद्या सागर विद्यार्थी, परीक्षा सचिव, सारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ, छपरा ने किया।


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