विश्व खाद्य दिवस पर जेपीयू में हुआ संगोष्टी का आयोजन
संजय कुमार पाण्डेय। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर जेपीयू छपरा के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजि संगोष्टी में कुलपति डॉ फारूक अली ने कहा कि हमारे देश में अनाज सड़ता है और गरीब भूखे मरता है, इससे बड़ी विडम्बना क्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने सरकार से कहा था कि जनता को अन्न तक पहुंचाइए या फिर अन्न तक जनता को पहुंचाइए। भारत मे 2011 में ‘खाद्य सुरक्षा कानून’ लागू किया गया लेकिन उसके सही क्रियान्वयन के अभाव में आज भी भुखमरी मुक्त भारत नहीं हो पाया है। विश्व भूख सूचकांक में भारत की स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है। हमें नवजात व जच्चा-बच्चा को मजबूत बनाना होगा तभी देश मजबूत होगा क्योंकि बुनियाद बुलंद होगी तभी इमारत बुलन्द होगी। बताते चले कि उक्त दिवस 1979 ई से प्रतिवर्ष मनाया जाता है, विश्व खाद्य दिवस 2020 की थीम रहा- ग्रो, नौरिश, सस्टेन, साथ में। कार्यक्रम में उपस्थित कुलपति, कुलसचिव एवं विज्ञान संकाय प्रमुख सहित विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों प्राचार्य, शिक्षक एवं कर्मचारियों का स्वागत संयोजक डॉ मो. सरफराज अहमद द्वारा किया गया। कुलसचिव ग्रुप कैप्टन श्रीकृष्ण ने कहा कि लोगों में संतोष की भावना नहीं बची है। कोई खाते-खाते मर रहा है तो कोई खाये बिना मर रहा है। प्रो. अमरेन्द्र झा द्वारा संचालित कार्यक्रम में परिसंपदा पदाधिकारी प्रो. रवींद्र कुमार सिंह, पूर्व प्रति-कुलपति सह विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो अशोक कुमार झा, प्राचार्य प्रो शम्भू कुमार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ सुनीता कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा हुई। डीएसडब्ल्यू प्रो उदय शंकर ओझा, पीआरओ प्रो हरिश्चंद्र, सहायक पीआरओ डॉ दिनेश पाल, हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय कुमार, डॉ संगीता रानी, श्री रविकांत शुक्ला सहित तमाम शिक्षक, शोधार्थी एवं अन्य उपस्थित थें।


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