पानी मे खड़ा हो आक्रोशित ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कहा रोड नही तो वोट नहीं
- सीओ,डीएम सहित अन्य जगह कई बार लिखा पत्र नही बनी सड़क
- 6 महीनों से जलजमाव से ग्रामीण है परेशान, मरीज खाट पर ले कर जाते हैं लोग
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
गड़खा (सारण)। गड़खा प्रखंड के अलोनी दलित बस्ती वार्ड नंबर 9 और 11 में सड़क नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को पानी मे खड़ा होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाया।राम प्रवेश माँझी,झकर माँझी,लक्ष्मण माँझी,दिनेश माँझी, अवधेश माँझी, सुरेश माँझी,कृष्णा माँझी,मनोज माँझी,सन्तोष माँझी,संजीत माँझी,शिवजी माँझी,योगेन्द्र माँझी,नागेन्द्र माँझी,जितेन्द्र माँझी,बिगन माँझी उमेश माँझी सुनील माँझी,राजेन्द्र माँझी,संजय अनिल कुमार, पंकज कुमार, नागेश्वर माँझी,रामायण माँझी,दीपक, पावधरी देवी,विनोद माँझी ,शत्रुघ्न माँझी,रमा माँझी,तेतरी देवी,बेदमिया देवी,सरलता देवी,शुसीला रीता रम्भा देवी कौशल्या देवी,सिला देवी,विजय माँझी आकाश कुमार,विनोद माँझी आदि ने बताया कि आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी हमारे गांव में सड़क तक नहीं बना।कितने बार सीओ बीडीओ एवं डीएम व अन्य वरीय पदाधिकारियों को लिखित आवेदन दिया गया, परंतु रोड बनाने का कार्य शुरू नहीं हुआ। सरकार द्वारा सभी जगह रोड बनाने का दावा किया जा रहा है। परंतु यहां रोड नहीं बनने से बरसात के दिनों में 6 महीने तक आवागमन बाधित रहता है। मरीजों को कंधे व खाट के सहारे एनएच तक पहुंचाया जाता है। छोटे-छोटे बच्चे एवं बुजुर्गों को भी घर से मुख्य सड़क पर जाने में काफी परेशानी होती है।पानी साँप बिच्छू जैसे जहरीले कीड़ो से हम परेशान रहते है। महज 200 मीटर की सड़क भी नहीं बन पा रही है। इसको लेकर सभी ग्रामवासी इस बार जिलाधिकारी को कई आवेदन दिया परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई अंततः हम लोग रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा दे रहे हैं।गांव में नलजल शौचालय समेत सात निश्चय का कोई भी सुविधा उपलब्ध नही हैं। इस बार पूर्णतः विधानसभा चुनाव के सभी ग्रामीण मिलकर मतदान का बहिष्कार करेंगे। इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ मो इस्माइल ने कहा कि भूस्वामियों से जमीन के लिए बात हुई हैं पानी सूखने के बाद सभी लोगो की सहमति से 8 फिट चौड़ा सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा।
निजी जमीन के कारण नहीं हो पा रहा सड़क का निर्माण:
अलोनी दलित बस्ती में जाने वाली सड़क में गांव के ही 5 लोगों का निजी जमीन है।500 की आबादी वाली बस्ती महज 200 मीटर सड़क के लिए आजादी के बाद भी सदियों से वंचित है।इसको लेकर मुखिया श्रीराम निराला ने वरीय पदाधिकारियों को कई बार लिखित आवेदन दिया परंतु सड़क बनाने का कार्य शुरू नहीं हुआ।


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