शोध पत्रिका विमर्श का अठारह साल बाद होगा पुनः प्रकाशन
- उर्दू स्टडीज‘ द्विभाषी वार्षिक शोध पत्रिका , बहुभाषी शोध पत्रिका के रूप में निरंतर होगी प्रकाशित
संजय कुमार पाण्डेय की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (सारण)। जेपीयू के कुलपति प्रो. फारूक अली की अध्यक्षता में ‘विमर्श’ शोध पत्रिका तथा ‘उर्दू स्टडीज’ शोध पत्रिका प्रकाशित कराने हेतु गुरुवार को बैठक किए। बताते चले कि जय प्रकाश विश्वविद्यालय द्वारा 2002 में ‘विमर्श’ शोध पत्रिका के प्रथम अंक का प्रकाशित किया गया था लेकिन उसके बाद दूसरा अंक प्रकाशित नहीं हो सका। लगभग अठारह साल बाद पुनः प्रकाशन हेतु सर्वसम्मति से फैसला लिया गया। ‘उर्दू स्टडीज’ द्विभाषी वार्षिक शोध पत्रिका का प्रथम अंक स्नातकोत्तर उर्दू विभाग द्वारा 2019 में प्रकाशित करवाया गया था। इसे विश्वविद्यालय द्वारा बहुभाषी शोध पत्रिका के रूप में निरंतर प्रकाशित कराने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। पत्रिकाओं के आईएसएसएन निबंधन कराने का भी निर्णय लिया गया। दोनों पत्रिकाओं को 2020 के अंत तक प्रकाशित कराने का लक्ष्य रखा गया है। दोनों पत्रिकाओं के प्रकाशन हेतु संपादक मण्डल के गठन की अनुशंसा की गई। जिसमें सभी भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष तथा सभी संकाय प्रमुख के साथ-साथ छात्र कल्याण पदाधिकारी तथा जन सम्पर्क पदाधिकारी आदि को रखा गया है। कुलपति मुख्य संरक्षक तथा प्रति कुल संरक्षक के रूप में मार्गदर्शन करेंगे। इस अवसर पर कुलसचिव सेवा निवृत्त ग्रुप कैप्टन श्रीकृष्ण, परीक्षा नियंत्रक प्रो. अनिल कुमार सिंह, छात्र कल्याण पदाधिकारी प्रो. उदय शंकर ओझा, जन सम्पर्क पदाधिकारी डॉ दिनेश पाल, सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. अशोक कुमार सिंह, सीसीडीसी प्रो. हरिश्चंद्र, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. गजेंद्र कुमार, उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो. ए. एम. हासमी, हिन्दी विभाग की ओर से डॉ चंदन कुमार श्रीवास्तव, ओएसडी डॉ शेखर कुमार एवं सुनील कुमार एवं अन्य उपस्थित थे।
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