मिलावटी सामग्री से बनी मिठाइयां मांझी के बाजारों में धड़ल्ले से हो रही है खपत, प्रशासन मौन
संजीव कुमार शर्मा की रिर्पोट। राष्ट्रनाक प्रतिनिधि।
मांझी (सारण)। पिछले कुछ वर्षों में मांझी के विभिन्न बाजारों में प्रचलित मिठाई दुकानों पर चालानी खोवा छेना पनीर मक्खन व दूध की बिक्री में काफी इजाफा हुआ है। मिलावटी सामग्री से बनी मिठाइयों के सेवन से स्वास्थ्य पर तो विपरीत प्रभाव पड़ता ही है ठीक इसके विपरीत मिलावटी दुग्ध ब्यवसाय से जुड़े अवैध कारोबारी मालामाल हो रहे हैं। उक्त ब्यवसाय का एक पहलू यह भी है कि बाहर से आयातित मिठाइयां स्थानीय दुकानों पर धड़ल्ले से बिक रही है। खास कर पर्व त्योहार के इस मौसम में बिहार से सटे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से बड़े पैमाने पर मिलावटी दूध, खोवा, घी, मक्खन आदि का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। रसायनिक पदार्थ युक्त दुग्ध सामग्री लोगों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक है। यह कैंसर आदि गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। जदयू नेता अरविन्द सिंह ने बताया कि प्रतिवर्ष विभागीय छापेमारी के नाम पर स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा खानापूर्ति की जाती है मगर मिठाई की दुकान की ठीक से जाँच नही की जाती। इस मामले में फूड इंस्पेक्टर की कार्यशैली सन्देहास्पद है। त्योहार के समय गाय-भैंस के दूध में बढ़ोतरी नहीं होती लेकिन अचानक मिठाइयों का उत्पादन कैसे बढ़ जाता है। जानकारों की माने तो बड़े पैमाने पर नकली खोवे से मिठाइयां बनाई जा रही है। यह गंभीर चिंता का विषय है। जिला प्रशासन द्वारा मिलावटी मिठाइयों के कारोबारियों पर उड़नदस्ता टीम बनाकर छापेमारी कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।


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