राष्ट्रनायक न्यूज

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भोजपुरी जंक्शन ई पत्रिका में हरेन्द्र पांडेय के शोध आलेख में है परसागढ़ का वैभवशाली इतिहास 

भोजपुरी जंक्शन ई पत्रिका में हरेन्द्र पांडेय के शोध आलेख में है परसागढ़ का वैभवशाली इतिहास 

  • परसागढ़ के चन्द्रेश्वर प्रसाद नारायण सिंह  कुलपति, राजदूत व राज्यपाल बन कर जिले व गांव की बढ़ाई थी शान
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (के. के. सिंह सेंगर)। भोजपुरी जंक्शन अंतर्राष्ट्रीय ई पत्रिका के नवम्बर महिने के भारत मारिशस महोत्सव गिरमिटिया विशेषांक में हरेन्द्र कुमार पांडेय का संस्मरण आलेख परसागढ़ की कहानी के वैभव की कहानी पढ़ पाठक दंग हैं। साथ ही गौरवान्वित भी। कोलकाता हाईकोर्ट के अधिवक्ता और भोजपुरी, हिन्दी, बंगला, अंग्रेजी आदि भाषाओं के विद्वान लेखक हरेन्द्र कुमार पांडेय ने अपने आलेख में परसागढ़ निवासी स्वतंत्रता सेनानी चन्द्रेश्वर प्रसाद नारायण सिंह की प्रमुखता से चर्चा की है। जो पटना विश्वविद्यालय के कुलपति, नेपाल के राजदूत व पंजाब का राज्यपाल बन परसागढ की शान बढ़ायी थी।लेखक पांडेय ने परसागढ़ के उद्यमियों के धातु ज्ञान की चर्चा करते हुए परसागढ़ को पीतल कांसा उद्योग का एक प्रमुख केन्द्र बताया गया है। जो आज भी मात्र एक कलछुल बना कर इसकी पहचान रखने वाले कुछ शिल्पी परिवार रखे हुए हैं। एकमा प्रखंड के परसागढ के धातु उद्योग की विशिष्टता की पहचान के लिए एक कहावत का उल्लेख आलेख में है। जिसमें कहा गया है कि यहां का कांसा निर्मित लोटा इतना प्रसिद्ध था कि ‘परसागढ के लोटा से खुंटा ठोकाला’ कहावत प्रचलित हो गया था। एक खास पहचान में बचे रामानंद सम्प्रदाय संस्कृति से संचालित परसागढ़ मठ की जमीन को बेचने को लेकर मठाधीश व ग्रामीणों के बीच तनाव पर लेखक ने चिन्ता भी व्यक्त की है। बनियापुर प्रखंड नदौवां ग्रामवासी लेखक पांडेय ने दो सौ वर्ष पहले तत्कालीन ब्रिटिश शासन के दौरान सारण जिले को व्यापार के क्षेत्र में कई अद्भुत जानकारी दी है। जमीनदारी व्यवस्था की स्थापना व इसके उन्मूलन के बीच रिविलगंज से नेपाल की तराई तक व्यापार की समृद्धि की चर्चा विस्तार से आलेख में की गई है। नवम्बर महिने में गिरमिटिया व छठ  विशेषांक के मनोज भावुक का संपादकीय बिहार में का बा का सकारात्मक दृष्टिकोण सहित अन्य आलेख भी पाठकों को पढ़ने के लालायित कर रहा है। इसकी समीक्षात्मक रिपोर्ट लोक गायक रामेश्वर गोप ने एक विशेष भेंटवार्ता में की।

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