शायर समीर परिमल को मिला अचीवर्स भूषण सम्मान
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
छपरा (के. के. सिंह सेंगर)। अपने अनोखे कार्यक्रमों और विभिन्न क्षेत्र के दिग्गजों की कहानी कहने के लिए लोकप्रिय चैनल अचीवर्स जंक्शन द्वारा शिक्षक से कमिश्नर बने युवा शायर समीर परिमल को शायरी के क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए अचीवर्स भूषण सम्मान से नवाज़ा गया। यह सम्मान उन्हें देश की राजधानी दिल्ली में प्रदान किया गया। विदित है कि राज्य-कर सहायक आयुक्त, बिहार सरकार समीर परिमल का ग़ज़ल संग्रह, ‘दिल्ली चीख़ती है’ की चीख़ बिहार से दिल्ली तक पहुंची और वह जनता के शायर बन गए, जन कवि बन गए। फिर तो उन्हें शाद अज़ीमाबादी सम्मान, दुष्यंत कुमार ग़ज़ल सम्मान, बिहार काव्य-गौरव सम्मान, एबीपी न्यूज़ चैनल द्वारा महाकवि सम्मान इत्यादि ढेरों सम्मान मिले। कई पुस्तकों के प्रणेता एवं पत्रिकाओं के संपादक, समीर परिमल के सम्मान में अचीवर्स जंक्शन के दिल्ली स्टूडियो में एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ। जिसमें दिल्ली, मेरठ, भोपाल और बिहार के कवियों ने काव्य-पाठ किया। गाज़ मगही एवं हिंदी के कवि, कवि मित्र “सब कुछ ऑरिजिनल है” के संयोजक संजीव कुमार मुकेश ने राम पर अद्भुत गीत गाकर किया। कोरोना काल में सरस्वती वंदना की जगह राम वंदना भी एक संकेत और सूत्र है। चौखट-चौखट डेउढी-डेउढी / कण-कण में सिय-राम बसे/ हर मन के मंदिर की मूरत,/ जन-जन में प्रिय राम बसे म की आराधना के बाद मधुबनी, बिहार के कवि कुमार नवीन “गौरव” ने बड़ी मार्मिक रचना सुनाई – असली ईश्वर मात-पिता, वृद्धाश्रम के मेहमान हुए।फिर मेरठ, उत्तर प्रदेश के विश्व प्रसिद्द गीतकार और काव्य निर्झर के प्रस्तोता मनोज कुमार मनोज ने प्रेम पर ऐसी गीत-गंगा बहाई कि दुनिया के तमाम देशों से जुड़े दर्शकों ने नेह भरी टिप्पणियों की बौछार कर दी। इस्पात नगरी भिलाई से जुड़े इंजीनियरिंग के प्रोफ़ेसर, प्रख्यात शायर और तहत और तरन्नुम कार्यक्रम के प्रस्तोता डॉ. साकेत रंजन प्रवीर ने अपने सच्चे और सादगी से भरे शेरों से महफ़िल को एक नयी ऊंचाई दी।
शायरी के इस सिलसिले को आज के मुख्य अतिथि व सम्मानित कवि समीर परिमल ने अपने अनोखे अंदाज में आगे बढ़ाया :
कमतर न समझ लेना, परिमल की फ़क़ीरी को/ एक वोट के दम पर हम सरकार बदलते हैं रिश्तों के यहाँ पल पल संसार बदलते हैं/ हर रोज़ कहानी में किरदार बदलते हैं। कार्यक्रम का संचालन अचीवर्स जंक्शन के निदेशक व सुप्रसिद्ध भोजपुरी कवि मनोज भावुक ने किया। मुंबई से बॉलीवुड अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्र, जर्मनी कोलोन से कवयित्री डॉ शिप्रा शालिनी, बर्मिंघम से डॉ कृष्ण कन्हैया समेत दुनिया के तमाम देशों से दाद और दुआएं मिलती रही। अंत में कोरोना काल के समाप्त होने, कवि समीर परिमल के स्वस्थ होने की शुभकामनाओं के साथ नव वर्ष के आगमन के गीत भी गाये गए।


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