उथल-पुथल भरा साल रहा 2020, नये साल में उत्साह के साथ प्रगति पथ पर बढ़ने की उम्मीद
छपरा (अमित सिंह/वीरेश सिंह)। बीता साल 2020 प्रारंभ से लेकर अंत तक पुथल-पुथल से भरा रहा। वर्ष के आरंभ में सीएए के विरोध में दंगे और शाहीनबाग जैसी अप्रिय घटनाएं घटी। शाहीन बाग का धरना समाप्त भी नहीं हुआ था कि देश में कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने पूरे देशवासियों को अपने घरों में ही कैद कर दिया। महामारी की वजह से देश में बेरोजगारी, गरीबी और भुखमरी चरम सीमा पर पहुंच गई। इस लॉकडाउन में ऑनलाइन सेवा लोगों की जीवन रेखा बन गई। बच्चों की पढ़ाई से लेकर मीटिंग एवं अन्य सभी कार्य ऑनलाइन की मदद से किए जाने लगे। ऑनलाइन पढ़ाई ने अमीर और गरीब बच्चों के बीच के अंतर को बढ़ा दिया है। कोरोना काल में देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। आज भी एक बड़ी आबादी उस सेवा से वंचित है। अभी तक देश में कोरोना की वैक्सीन दवा उपलब्ध नहीं हो सकी है। किसानों ने नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के राज मार्गों को काफी दिनों से बंद कर रखा है। उनकी वजह से पूरा देश प्रभावित हो रहा है। नए वर्ष में वैक्सीन की आने की खबर ने सभी लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। किसानों के आंदोलन का समाधान भी निकाला जाएगा। योजनाओं पर काम से नागरिक सुविधाएं बढ़ेगी। देशवासी नए उत्साह के साथ प्रगति के पथ पर बढ़ेंगे। ऐसे ही नये साल में उम्मीद है।


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