नूतन वर्ष पर संत संगोष्ठी में भजन व अमृत वचनों की हुई प्रस्तुति
के के सिंह सेंगर की रिर्पोट। राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
एकमा (सारण)। नये साल के पहले दिन शुक्रवार को अपनी खुशी का इजहार विभिन्न तरीकों से किया गया। युवाओं के पिकनिक मनाने से लेकर संत महात्माओं के बीच दिन भर धार्मिक आयोजनों की धूम रही। इसी क्रम में एकमा प्रखंड क्षेत्र के नवादा पंचायत के बाल गांव स्थित प्रकाश गुरू आश्रम में संतों के भजनों व अमृत वचनों की रस धारा बहती रही। इस दौरान नव वर्ष पर काफी दूर- दूर से पधारे संत समाज ने आश्रम में आयोजित संत संगोष्ठी में भाग लिया। आश्रम स्वामी सिया राम साहब के नेतृत्व में आयोजित संगोष्ठी का आगाज वरीय निर्गुण गायक स्वामी नाथ सिंह द्वारा कबीर के भजन “बंदे क्या रूप है तेरा..!” गीत से हुआ। वहीं लोक गायक रामेश्वर गोप ने राग दरबारी में गुरू बंदना व पारम्परिक निर्गुण गीत “घरवा के सुध बिसरी ऐ प्रदेशी भंवरा…!” गीत की प्रस्तुति से संत समाज में अपनी दमदार उपस्थित दर्ज कराई। कबीर की रचनाओं की प्रासंगिकता पर बोलते डॉ. एसएन यादव ने कहा कि अंधविश्वास की चंगुल में फंसी दुनिया को कबीर के शब्द ही निकाल सकते हैं। कबीर रचित “मोरा हीरा हेरा गइले कचरा..।” पंक्ति के माध्यम से श्री यादव ने लोगों से अपने अंदर के अध्यात्मिक प्रकाश को खोजने व धार्मिक पाखंड से दूर रहने का आह्वान किया। संत संगोष्ठी में संत पटेल दास, रामानंद साहब, द्वारिका दास आदि ने भी अपने अमृत वचनों से विश्व बंधुत्व का संदेश देते हुए जीवों पर दया भाव रखने का आह्वान किया। वहीं मोहन बाबा, शंभू प्रसाद, बच्चा पटेल आदि ने विभिन्न वाद्ययंत्रों पर संगत की प्रस्तुति किया। इस अवसर युवा गायक रविशंकर यादव, विक्की कुमार, विक्रमा यादव, कलावती देवी, कलावती, हीरा मोती, अशोक साहब, छठू साहब, सुभाष, कुंदन राजपति आदि भी शामिल रहे।


More Stories
सुरक्षा गार्ड के पद पर नियोजन को ले प्रखंडवार होगा नियोजन शिविर का आयोजन
महिलाओं एवं किशोरियों को प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर जागरूकता करने की काफी आवश्यकता
अनचाहे गर्भ से सुरक्षा के लिए महिला बंध्याकरण को अपनाएं, सरकार देगी 3 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि