पांच दिन बाद कृष्णा बिनका माने ढाला के पास पानी मे शव मिलते ही परिवार में मचा हाहाकार
- बेटी-दमाद को सूरत में पहुंचा कर घर वापसी के क्रम में आठ जनवरी को ट्रेन से छपरा जं. पर पहुंचा था वृद्ध
- छपरा जंक्शन पहुंच कर परिजनों को फोन पर बात करके दाउदपुर में बाइक लेकर पहुंचे को बोला था
- देर रात तक नहीं पहुंचने पर अनहोनी की आशंका से परिजनों ने भगवान बाजार थाने में दी थी सूचना
- एकमा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा
राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।
मांझी (सारण)। पांच दिन बाद भी घर नहीं पहुंचे कृष्णा बिन, उनके परिजन खोजबीन कर रहे थें। इसी दौरान एकमा थाना क्षेत्र के माने ढाला से 100 मीटर उतर छपरा- सीवान मुख्य मार्ग और रेलवे लाइन के बीच पानी मे उनका शव मिलने की जानकारी मिली तो परिवार में हाहाकार मच गया। इस बीच जानकारी मिलते हीं एकमा और दाउदपुर थाना पुलिस भी घटना-स्थल पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेज दिया। मृतक का शव पूरी तरह फूल गया था। वहीं चेहरे पर जख्म के निशान मिले हैं। जिससे हत्या की आशंका जाहिर की जा रही है। बता दें कि दाउदपुर थाना क्षेत्र के बंगरा बिन टोलिया निवासी 54 वर्षीय कृष्णा प्रसाद बिन विगत 16 दिसंबर को अपनी विवाहिता पुत्री आरती को दामाद सुजीत कुमार रावत के पास सूरत ( गुजरात) में पहुंचा कर लौट रहे थे। 7 जनवरी को उन्होंने ताप्ती गंगा एक्प्रेस ट्रेन पकड़ी और 8 जनवरी की शाम छपरा जंक्शन पर उतरने के बाद ऑटो पकड़ते हुए बेटे को फोन किया था वे एक सवारी गाड़ी में बैठ कर दाउदपुर पहुंच रहे हैं। इधर परिजन मोटरसाइकिल लेकर दाउदपुर में शुक्रवार की देर शाम करीब 10 बजे तक उनके आने का इंतजार करते रहे। फोन पर सम्पर्क किया तो बंद बताने लगा। उसके बाद किसी अनहोनी की आशंका से परेशान होकर परिजनों ने 10 जनवरी को भगवान बाजार थाना में आवेदन देकर सुरक्षित ढूंढ निकालने की गुहार लगाई। परिजनों ने बताया कि पहले तो पुलिस ने आवेदन लेने से आनाकानी की। काफी अनुनय-विनय के बाद गुमशुदगी का सनहा दर्ज किया। उसके बाद कोई छानबीन नही की। इस बीच रास्ते में गायब होने की जानकारी मिलने के बाद पुत्री आरती अपने पति के साथ मायके के लिए रवाना हो गई थी। जो गुरुवार को मायके पहुंच गई। इसी बीच पिता का शव बरामद होने की जानकारी मिलने पर दहाड़ मार कर रोने लगी। साथ में पहुंचे दामाद सुजीत कुमार रावत ने बताया कि उनके बैग में बिस्किट, साबुन, कुछ आवश्यक कपड़े थे। इसके अलावें पांच मोबाइल फोन थे। जिनमें से दो उनके थे और शेष सूरत में रहने वाले दूसरे लोगों ने अपने घर के लिए दिया था। पोस्टमार्टम के बाद जब शव दरवाजे पर पहुंचा तो वृद्ध मां रामपति कुंवर, पत्नी झलरी देवी, बेटी आरती, पुत्र व बहु की चीख पुकार से माहौल पूरी तरह से गमगीन हो गया। मृतक के चार पुत्रों में दो पुत्र व एक पुत्री की शादी हो चुकी है।


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