सर्द मौसम में पंचायत चुनाव की गर्माहट बढ़ी, भावी उम्मीदवारो की पारा सिर चढ़ी
सहार (भोजपुर)। पंचायत चुनाव में करीब दो माह समय बचे हैं परंतु सहार प्रखंड क्षेत्र में सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में ठंड के मौसम में चुनाव की गर्माहट एवं भावी प्रत्याशियों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। भावी प्रत्याशी अपने जनता जनार्दन के द्वार तक दस्तक देने से भी नहीं चूक रहे हैं।पंचायत चुनाव में इस बार वार्ड सदस्य,पंचायत समिति, मुखिया,पंच व सरपंच सहित जिला परिषद के भावी उम्मीदवारो ने मतदाताओं से संपर्क आरंभ कर दिया है एवं चौक चौराहों पर तथा चाय की दुकानों पर चुनाव की चर्चा जोर पकड़ने लगी है।वही पोस्टरों के माध्यम से पर्व त्योहार की शुभकामना देने से भी भावी उम्मीदवार नहीं चूक रहे हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव को लेकर सहार प्रखंड में सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। ज्ञात हो कि पंचायत चुनाव आगामी अप्रैल माह में होनी है और इस लिहाज से चुनाव की तैयारियों के लिए अब करीब डेढ़ माह का समय उम्मीदवारों के लिए बच रहा है।ऐसे में सबसे अधिक भावी प्रत्याशियों की भीड़ वार्ड सदस्य के लिए लग रही है।नुक्कडो एवं चौराहों की दीवारें इन उम्मीदवारों के पोस्टरों से सजने लगे हैं।वार्ड सदस्यों की उम्मीदवारी के लिए प्रत्याशी शहरों की चकाचौंध को छोड़कर इस बार पंचायत चुनाव में बाजी लगाने पर उतारू हैं। वार्ड सदस्यों के लिए इस बार के पंचायत चुनाव की इस प्रकार गहमागहमी है की देश एवं राज्य की राजधानी से भी युवा अपनी किस्मत आजमाने मैदान में ताल ठोकने के लिए तैयार हैं।वही पंचायतों में पंचायत समिति व मुखिया पद के भावी उम्मीदवारों की लंबी लाइनें लगी हैं।पंचायत समिति में जीत के बाद प्रखंड प्रमुख की कुर्सी तक का सफर तय करने की फिराक में कई उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं।पंचायत समिति के कुछ ऐसे उम्मीदवार भी मैदान में हैं जिनकी कुर्सी आरक्षण ने चुनाव से पूर्व ही छीन लिया है।जानकारों का यह भी मानना है इस बार पंचायत चुनाव काफी गहमागहमी भरा होने वाला है और यह चुनाव कोरोना काल के बावजूद बहुत ही खचीर्ला होने वाला है।
सहार प्रखंड में कुल 12 पंचायतों में चुनाव होनी है जिसमें जिला परिषद सदस्य के लिए भी अनेकों उममीदवारों ने अभी से कमर कस लिया हैं।जो अपने गांव टोला के दमदार लोगों को अपने पाले में लाने के लिए उनकी खातिरदारी भी शुरू कर चुके है।प्रत्याशी जनता जनार्दन के दरवाजे पर उनके सुख और दुख में हर संभव पहुंचने लगे हैं। हालांकि सहार प्रखंड के करीब सभी पंचायतों में नालियों के पानी की निकासी की समस्या एवं रोड पर गंदगी का अंबार इस प्रकार है की लोगों को इस पर चलना किसी नर्क से होकर गुजरने जैसी लगती है।समस्याओं को नजरअंदाज करके वर्तमान एवं भावी प्रत्याशियो को गाँवो में अपने वोट की खातिर सिर्फ राजनीति करना ही अच्छा लगता है।और वे अपने क्षेत्र की साफ सफाई के साथ अन्य विकास के मुद्दों को छोड़कर केवल वोट की खातिर अपनी तस्वीरें गाँवो की गलियों में टांगते नजर आ रहे है।ऐसे में ग्रामीणों को मतदान करना सिर्फ अपने मत का प्रयोग करते हुए सच्चे नागरिक का फर्ज निभाने जैसा प्रतीत होगा। हालांकि लोग इस बार स्वच्छ छवि के प्रतिनिधि चुनने की बात कर रहे है,अब देखना है की वोटरों की सोच और प्रतिनिधियों के चुनाव में आपसी तालमेल कैसे फिट बैठेगा।ये आने वाला वक्त बताएगा।


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