बेटियों के लिए बनाना है बड़ा फंड, तो सिर्फ सुकन्या समृद्धि में निवेश के नहीं होगा काफी
नई दिल्ली, (एजेंसी)। बहुत सारे माता-पिता अपनी छोटी बच्ची के नाम सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करते हैं। इस पर मिलने वाला 7.6 फीसदी का सालाना ब्याज और 1.5 लाख रुपये तक का निवेश पर कर छूट इसे आकर्षक बनाता है। हालांकि, वित्तीय योजनाकारों का कहना है कि सिर्फ सुकन्या समृद्धि में निवेश के भरोसे रहना ठीक नहीं है। एक्सपर्ट के मुताबिक लंबी अवधि के लिए इक्विटी एक बेहतर निवेश माध्यम है। फिन्विन फाइनेंशियल प्लानर्स के मैनेजिंग पार्टनर, मेल्विन जोसेफ ने बताया कि वैसे निवेशक जो बहुत जोखिम नहीं लेना चाहते हैं वह सुकन्या समृद्धि के साथ इक्विटी को भी अपने निवेश में शामिल करें। जब किसी के घर बच्ची हो तो वह उसके नाम एक सुकन्या समृद्धि के साथ इक्विटी में निवेश शुरू करें। हालांकि, रणनीति यह हो कि शुरूआत में वह सुकन्या समृद्धि में कम और इक्विटी में अधिक निवेश करे। जब वह अपने लक्ष्य के करीब पहुंच जाए तो वह इक्विटी में निवेश घटा दे और सुकन्या समृद्धि में बढ़ा दे। विशेषज्ञों के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने पर लबी अवधि तक पैसा ब्लॉक रहता है। इस योजना में बेटी की उम्र 21 साल होने पर निवेश मैच्योर होता है। वहीं, 18 साल की उम्र पूरी होने पर 50 फीसदी राशि पढ़ाई के नाम निकाला जा सकता है। यानी पैसा काफी समय के लिए ब्लॉक हो जाता है। वहीं, इक्विटी में यह समस्या नहीं है। जब जरूरत हो तो निवेशक अपनी रकम को निकाल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना की शर्तो का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसकी जानकारी नहीं होने पर परेशानी बढ़ सकती है। इस योजना में खाताधारक की शादी खाता खोलने के 21 साल पूरे होने से पहले हो जाती है तो खाते में रकम जमा नहीं कराई जा सकती। अगर खाता 21 साल पूरा होने से पहले बंद कराया जा रहा है तो खाताधारक को यह एफिडेविट देना पड़ेगा कि खाता बंद करने के समय उसकी उम्र 18 साल से कम नहीं है। किसी अनियमित सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट में जहां कम से कम रकम जमा नहीं हुई है, उसे 50 रुपये सालाना की पेनाल्टी देकर नियमित कराया जा सकता है।
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