किसान आंदोलन को लेकर भारत के खिलाफ चल रहे प्रपोगेंडा के लिए एमईए ने बनाई योजना
नयी दिल्ली, (एजेंसी)। किसान आंदोलन के समर्थन में पॉप सिंगर रिहाना, जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग समेत अन्य विदेशी हस्तियों ने ट्वीट किया था। जिसके बाद विदेश मंत्रालय की सख्त टिप्पणी सामने आई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने हैशटैग के साथ आग्रह किया था कि तथ्यों का पता लगाया जाए और मुद्दों की उचित समझ की जाए। भारत की संसद ने पूर्ण बहस और चर्चा के बाद कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानून पारित किए हैं। विदेशी हस्तियों द्वारा ट्वीट किए जाने के बाद विदेश मंत्रालय ने अलग-अलग देशों में स्थित भारतीय दूतावासों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह वहां के प्रभावशाली लोगों से संपर्क करके उनकी राय जानें और उनकी राय को साझा करें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी देशों के लोगों को यह बात बताई जाए कि भारत में प्रजातांत्रिक तरीके से सभी तरह के आंदोलनों से निपटा जा रहा है। सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच वार्ता का मार्ग अभी भी खुला हुआ है।
अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द टाइम्स आॅफ इंडिया’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने भारतीय दूतावासों के अधिकारियों को इससे संबंधित एक विस्तृत जानकारी साझा की। जिसमें भारत में चल रहे प्रदर्शन को लेकर विदेशियों के मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के स्थायी प्रतिनिधि इस मुद्दे पर एफएओ, आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे संगठनों के संपर्क में लगातार बने हुए हैं। इस कार्य में जुटे अधिकारियों को प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में अपने संपर्कों को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। 5 अगस्त 2019 को जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त किया गया था उस वक्त भी विदेशों में भारत सरकार के खिलाफ छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया था। जिसके बाद सरकार ने ऐसे ही एक अभियान चलाकर भारत के खिलाफ चल रहे प्रपोगेंडा को ध्वस्त किया था।


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