भारत लड़ रहा है डॉक्टरों को बचाने की जंग, लेकिन क्या देर हो चुकी ?
भारत में कोरोना वायरस यानी कोविड-19 संक्रमण के 9 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 300 से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं। पहले 100 मामले भारत के बड़े शहरों में पाए गए थे, लेकिन इसके बाद छोटे शहरों और कस्बों तक संक्रमण पहुंच चुका है। इन हालात में कोरोना के खिलाफ लड़ रहे डॉक्टरों और मेडिकल टीम की सुरक्षा का सवाल खड़ा हो गया है क्योंकि पर्याप्त उपकरण नहीं हैं। दुनिया के कई देशों की तरह भारत भी अब उस लड़ाई में शामिल हो गया है, जिसमें उसे पर्सनल प्रोटेक्टिव एक्विपमेंट्स यानी पीपीई की ज़रूरत है और वह भी समय रहते, पूरे देश में कई राज्य इन उपकरणों की समस्या से जूझ रहे हैं। कुछ मामलों में तो बेहद गंभीर स्थिति बन गई है। कैसे लड़ रहा है मेडिकल अमला और यह भी जानें कि कोविड19 के खिलाफ भारत की जंग किस स्तर पर पहुंच गई है।
देश में कई जगह आवश्यक उपकरणों के अभाव में हालात बेहद खराब हो गए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो कुछ जगहों पर डॉक्टर रेनकोट और हेलमेट पहनकर सेवाएं देने पर मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक डॉक्टर के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘हमें पीपीई किट्स जितनी जल्द मिलनी चाहिए, नहीं मिल रहीं। यह एक युद्ध है, जिसमें हम सैनिकों की भूमिका में हैं और आप सैनिकों को युद्ध में बग़ैर हथियारों के नहीं भेज सकते’।
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