भगवान व संत दोनों का आश्रय जरूर लें:वैराग्यानंद जी महाराज
राष्ट्रनायक न्युज।
गड़खा (सारण)। आर्शीवाद में बहुत बड़ी ताकत होती है।नर शरीर से आप नारायण बन सकते हैं।कथा व संत दोनों दुर्लभ है।भगवान व संत दोनों का आश्रय जरूर लें।भगवान नाम लेने की आदत डाल लें।आपके मुख से राम निकल जाएं तो समझे आप स्नान स्नान व तीर्थ कर लिए। उक्त बातें संत वैराग्यानंद जी महाराज ने गड़खा बाजार में आयोजित 27 वें वार्षिक सत्संग सम्मेलन में श्रद्धालु श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि अर्थ से सुविथा मिल सकती है सुख नहीं।अर्थ निंदनीय है और वंदनीय है।संत विद्याभूषण जी महाराज ने कहा कि सत्संग सुनने वाले अपने जवानी को जीत लेंगे।सत्संग,कथा बच्चों व बुढ़ो को जरूर सुननी चाहिए।सुश्री प्रिया प्रभाकर ने कहा कि जीवन में संत संग होगा तो पहली भक्ति आएगी।संत ह्रदय होना बहुत जरूरी है। सत्संग सम्मेलन को रामायणी मीरा सिन्हा,संत सर्वानंद जी महाराज,संत शरणागत जी महाराज ने संबोधित किया।मंच संचालन राजेश उपाध्याय ने किया।कीर्तनकार रामप्रवेश सिंह व झांकी-कीर्तन सम्राट पवन कुमार तिवारी की मनोरम झांकी ने सुथि श्रोताओ को भाव-विभोर कर दिया।
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