राष्ट्रनायक न्यूज

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युवाओं में एड्स के प्रति बेहतर समझ विकसित करने में सहायक है हम साथी एप

  • मां से बच्चों में होने वाले संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये कारगर प्रयास जरूरी
  • सोशल मीडिया में परोसे जा रहे भ्रामक जानकारियों से दिगभ्रमित हो रहे हैं हमारे युवा: डॉ अभय प्रकाश

राष्ट्रनायक प्रतिनिधि।

अररिया (बिहार) जिले में एचआईवी नियंत्रण के लिये किये जा रहे प्रयासों के निरीक्षण के क्रम में बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ अभय प्रकाश गुरुवार की शाम अररिया पहुंचे| इस क्रम में उन्होंने जिला एड्स नियंत्रण इकाई सहित पीपीटीसीटी केंद्र का निरीक्षण किया| उन्होंने डीएचएस के माध्यम से संचालित विभिन्न एड्स नियंत्रण संबंधी कार्यक्रमों की अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा भी  की| इस क्रम में पीपीटीसीटी यूनिसेफ के राज्य समन्वयक आशीष कुमार, डीपीएम स्वास्थ्य रेहान असरफ, डीपीएम एड्स अखिलेश कुमार सिंह, पीओ अहाना रविशंकर, एफओ अहाना मो रिजवान सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे|

मां से बच्चों में होने वाले संक्रमण को कम करना चुनौती

एचआईवी नियंत्रण को लेकर किये जा रहे प्रयासों का जिक्र करते बीएसएसीएस के अपर परियोजना निदेशक डॉ अभय प्रकाश  ने कहा कि एचआईवी महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई अब तक जारी है| इस पर नियंत्रण पाने के प्रयासों में हम काफी हद तक कामयाब हुए हैं, लेकिन इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बाक़ी  है| पहले एचआईवी संक्रमण के 20 से 25 प्रतिशत मामले ब्लड ट्रांसमिशन के जरिये फैलते  थे| इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा चुका है| अब मां से बच्चों में एचआईवी संक्रमण के प्रसार को रोकने की दिशा में कारगर पहल किये जा रहे हैं| इसे लेकर बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति व यूनिसेफ बिहार द्वारा एचआईवी व मां से बच्चों में होने वाले संक्रमण की रोकथाम व इसके प्रति खास कर युवाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से हम साथी एप लॉच किया गया है|

सोशल मीडिया के माध्यम से दिगभ्रमित हो रहे हैं युवा

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से युवा के समक्ष तरह-तरह की जानकारियां परोसी जा रही हैं|आमतौर पर इससे युवा दिगभ्रमित हो रहे हैं| एचआईवी से संबंधित मामलों की समीक्षा में पाया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कई ऐसे डेटिंग एप सक्रिय हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से किशोरियों को बरगलाने के प्रयास में जुटे हैं| इससे सेक्स ट्रेड को बढ़ावा मिल रहा है| आखिरकार आज की किशोरियां ही आगे चलकर मां बनेंगी| उनके माध्यम से ही अगली पीढी  में संक्रमण का प्रसार होता है| लिहाजा किशोरियों को एचआईवी संक्रमण के प्रति जागरूक किया जाना आज के समय में ज्यादा जरूरी हो चुका है| किशोर-किशोरियों को ऐसी किसी भी स्थिति से बचाने के लिये हम साथी एप काफी महत्वपूर्ण है| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कॉलेज जाने वाली किशोरियों के माध्यम से संक्रमण के प्रसार संबंधी खतरों के प्रति चिंता व्याप्त है| लिहाजा हमें इस दिशा में गंभीर प्रयास करने की जरूरत है|

एचआईवी के प्रति लोगों को आगाह करना जरूरी

अपर परियोजना निदेशक ने कहा कि एचआईवी के बारे में कहा भी गया है जानकारी ही बचाव है| इसलिये अधिक से अधिक लोगों को एचआईवी के प्रति आगाह कराना जरूरी है| एड्स से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये सरकार के स्तर से कई प्रयास किये जा रहे हैं| एड्स संबंधी दवाएं सरकार नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है| नये एआरटी केंद्र खोले जा रहे हैं| सभी मेडिकल कॉलेज में एआरटी केंद्र की स्थापना को अनिवार्य किया गया है| बीएसएसीएस के माध्यम से वहां दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है| एचआईवी से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये हमें हर स्तर पर मिलजुल कर काम करने की जरूरत है|

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