नई दिल्ली, (एजेंसी)। इस साल आपकी सैलरी में इजाफा हो सकता है, लेकिन हाथ में आया पैसा घट सकता है। अगर मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित वेतन की नई परिभाषा के कारण कर्मचारी पीएफ अंशदान में अधिक भुगतान करते हैं तो इस वर्ष वेतन वृद्धि कर्मचारियों के लिए उच्च कैश-इन-हैंड में तब्दील नहीं हो सकती है। एक सर्वे के मुताबिक इस साल यानी 2021 में भारतीय कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में करीब 7.7 फीसद की वृद्धि करेंगी। यह ब्रिक (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) देशों में सबसे अधिक है। यह पिछले साल में कर्मचारियों के वेतन में हुई 6.1 फीसद की वृद्धि से अधिक है। वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी एऑन पीएलसी ने मंगलवार को भारत में वेतनवृद्धि पर अपनी ताजा रिपोर्ट जारी की।
एऑन के भारत में प्रदर्शन एवं पारितोषिक कारोबार के भागीदार एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नितिन सेठी ने कहा कि नई श्रम संहिता के तहत वेतन की प्रस्तावित परिभाषा के चलते कंपनियों को ग्रैच्यूटी, छु्ट्टी के बदले पैसा और भविष्य निधि के लिए ऊंचा प्रावधान करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, ”श्रम संहिता के वित्तीय प्रभाव के आकलन के बाद कंपनियां साल की दूसरी छमाही में अपने वेतन बजट की समीक्षा करेंगी।
सर्वे में शामिल 88 फीसद कंपनियों ने कहा कि उनका 2021 में अपने कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि का इरादा है। 2020 में ऐसा कहने वाली कंपनियों की संख्या 75 फीसद थी। सर्वे में 20 उद्योग क्षेत्रों की 1,200 से अधिक कंपनियों की राय को शामिल किया गया। सर्वे के अनुसार वेतनवृद्धि से मजबूत सुधार का संकेत मिलता है। साथ ही इसमें कहा गया है कि वेतन संहिता पासा पलटने वाली साबित होगी।
ई-कॉमर्स और वेंचर कैपिटल फर्म्स में सबसे बेहतरीन 10.1 फीसद तक सैलरी बढ़ोतरी होगी। इसके बाद टेक कंपनियां औसत 9.7 फीसद, आईटी कंपनियां 8.8 फीसद और एंटरटेनमेंट व गेमिंग कंपनियां अपने कर्मचारियों की सैलरी में 8.1 फीसद का इजाफा कर सकती हैं। इस साल केमिकल और फार्मा कंपनियां भी 8 फीसद की दर से सैलरी बढ़ा सकती हैं। इस सर्वे के लिए करीब 1,200 कॉरपोरेट हाउस से डेटा जुटाया गया है।
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