नई दिल्ली, (एजेंसी)। कृषि कानून के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन जारी है। हरियाणा को पंजाब का छोटा भाई कहा जाता है और आंदोलन में हरियाणा के किसानों की तरफ से छोटे भाई का फर्ज भी बखूबी निभाए जाने की बात कही जा रही। किसान आंदोलन के बीच हरियाणा में भी सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य में मनोहर लाल खट्टर की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने कहा कि राज्य में मौजूदा सरकार ने लोगों का भरोसा खो दिया है। कांग्रेस विधानसभा में अविस्वास प्रस्ताव लाएगी।
अविश्वास प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस: अगले महीने के पांच मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पार्टी कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) कानून में संशोधन की मांग भी रखेगी ताकि फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके। अपने आवास पर बैठक के बाद हुड्डा ने कहा, ‘‘विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद हम अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। कांग्रेस एपीएमसी कानून में संशोधन की मांग भी रखेगी ताकि फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके।’’ राज्य विधानसभा का बजट सत्र पांच मार्च से शुरू हो रहा है। हुड्डा ने दावा किया कि सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों में ‘‘विद्रोह के स्वर’’ उठ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अविश्वास प्रस्ताव से लोगों को पता चलेगा कि कौन सा विधायक सरकार के साथ है और कौन किसानों के साथ।
हरियाणा का नंबर गेम और कांग्रेस का दांव: साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40 सीटें प्राप्त हुई वहीं दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी को 10 सीटें मिली और दोनों मिलकर सरकार बनाई। राज्य में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं जिनमें से दो रिक्त हैं। जिसके बाद मौजूदा विधानसभा सदस्यों का आंकड़ा 88 का है। जिसमें कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं और सात निर्दलीय विधायक हैं, अगर अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो खट्टर सरकार के पास 45 का आंकड़ा चाहिए होगा। हालांकि कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं या नहीं ये भी देखना होगा।
हुड्डा पर शिकंजा: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के मानेसर में वर्ष 2004 और 2007 के बीच कथित तौर पर वरिष्ठ सरकारी अफसरों की मदद से जमीन पर किए गए अवैध कब्जे से संबंधित धनशोधन मामले में 280 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि उसने धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत इस मामले में आरोपियों के नाम पर दर्ज विभिन्न संपत्तियों को जब्त करने संबंधी आदेश जारी किया है। इस मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भूमिका भी एजेंसी की जांच के दायरे में है। जब्त की गई संपत्ति में डव इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के अतुल बंसल और उनके समूह की कंपनियों की फरीदाबाद स्थित 108.86 करोड़ रुपये की संपत्ति भी शामिल है। ईडी ने एक बयान में कहा कि फ्रंटियर होम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की 13.77 एकड़ और 5.65 एकड़ जमीन भी जब्त की गई है, जिसकी कीमत करीब 29.48 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, इस कंपनी के 20 फ्लैट भी जब्त किए गए हैं। बयान के मुताबिक, ललित मोदी की राजस्थान के नीमराना और बहरोड़ स्थित 95.09 बीघा कृषि भूमि भी जब्त की गई है, जिसकी कीमत 13.31 करोड़ रुपये है। ईडी ने इस मामले में पिछले साल कई आरोपियों के खिलाफ ताजा आरोपपत्र दायर किया था। सीबीआई ने वर्ष 2015 में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके आधार पर ईडी ने मुकदमा दर्ज किया।
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