संत रविदास जी महाराज के दर्शन पर अमल कर समाज में फैले अंधविश्वास व कुरीतियों को करें समाप्त
देवरीया ( तरैया)। आज न केवल दलित समाज को बल्कि उन तमाम लोगों को संत रविदास जी महाराज के दर्शन पर अमल करना चाहिये जो ब्रह्मणवाद से संघर्ष कर रहे हैं। रविदास जी ने शिक्षा पर जोर दिया उन्होंने कहा कि एक अशिक्षित समाज उस अंधे के समान है जिसे दूनिया में केवल अंधकार ही नसीब होता है।जातिवाद पर उन्होंने करारा चोट करते हुए इसकी समात्ति के लिये समाज को एकजूट होने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि हम मानते हैं कि सभी एक इश्वर के पुत्र हैं, फिर यह ऊँच नीच, छूआ छूत और जात पात कहाँ से आ गया ? सबसे बडी़ बात जो उनके उपदेश में अन्तर्निहित है वो यह कि उन्होंनें कर्म को ही धर्म की संज्ञा से अलंकृत किया।साथ ही फल अर्थात मजदूरी के प्रति जागरुकता पर भी बल दिया।उनके पूरे जीवन को परखने पर यह पाया जाता है कि उनका संघर्ष किसी जाति या साम्प्रदाय विशेष के विरुद्ध नहीं था बल्कि समाज में फैली तमाम कूरीतियों के विरुद्ध था, जो समाज के समरस ताने बाने को छिन्न भिन्न कर रहा है।अतः उनके बताये हुए रास्ते पर चल कर ही हम एक समता मूलक समाज की स्थापना में सहयोगी बन सकते हैं।
उक्त बाते आज तरैया प्रखंड के देवरिया ग्राम में आयोजित संत रविदास जयन्ती समारोह को सम्बोधित करते हुए माकपा राज्य सचिवमंडल सदस्य अहमद अली ने कही।अध्यक्षता बीकू कुमार कश्यप ने किया।उन्होने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी अगंतुक सहभागियों का स्वागत किया तथा आयोजकों को धन्यवाद दिया।पूरे कार्यक्रम का समायोजन विक्रमा बैद्द ने किया जिन्होने संविदास जी के पदों का पाठ किया।
लक्षुमन कुमार ने दबे कुचले अवाम को एक जूट होकर प्रगति पथ पर आगे बढने पर जोर दिया तथा आपस में भाई चारा बढाने पर बल दिया।वही ने देवनाथ राम, कहा कि यदि हम गरीब बच्चों की शिक्षा और उनके प्रगति में थोरा भी सहयोग कर पाये तो यहीं रविदास जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।समारोह को
चन्देशर राम, सत्यप्रकाश राम, मंटू कुमार राम, रामजीवन राज,मदन कुमार, आनन्द मिलन, निर्भय कुमार, छबीला राम, विकास कुमार राम, चुल्हन राम ने भी सम्बोधित किया।
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