नई दिल्ली, (एजेंसी)। आम लोगों पर आने वाले महीनों में महंगाई का बोझ और बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए कि सब्जियां, खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अगले कुछ महीनों में दूध, अंडा और चिकन के दाम में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है। पोल्ट्री फेडरेशन आॅफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश खत्री ने हिन्दुस्तान को बताया कि कोरोना महामारी, लॉकडाउन और बर्ड फ्लू के कारण पोल्ट्री फर्म का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इससे चिकन से लेकर अंडों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब होटल, रेस्टोरेंट और बैंकेट हॉल खुलने वाले हैं। एक तिहाई मांग अंडे, चिकन और दूध की होटल, रेस्टोरेंट से आती है। ऐसे में मांग बढ़नी तय है लेकिन आपूर्ति उस अनुपात में बढ़ने की संभावना नहीं है। इसका असर अंडे और चिकन के भाव पर होना तय है। अभी से ही अंडे-चिकन के दाम में इजाफा शुरू हो गया है। बीते एक सप्ताह में प्रति अंडे की कीमत 3.50 रुपये से बढ़कर 3.75 रुपये पहुंच गई है। वहीं, चिकन प्रति किलो 75 रुपये बढ़कर 85 रुपये पहुंच गया है। कीमत बढ़ने की एक दूसरी वजह माल भाड़े में वृद्धि भी है। अंडे और मुर्गी की 90 फीसदी ढुलाई सड़क मार्ग से होती है। डीजल की कीमत बढ़ने से माल भाड़ा बढ़ा है जिससे लॉजिस्टिक लागत बढ़ी है। यह उत्पादन लागत बढ़ा है। इसके चलते अगले तीन से छह महीने में चिकन की कीमत 100 रुपये के पार जाने की उम्मीद है। यानी चिकन की मौजूदा कीमत में 25 से 30 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। अंडे की कीमत में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
आने वाले दिनों में दूध भी महंगा मिलना तय है। दरअसल, रतलाम मिल्क प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के मुताबिक, मंगलवार को 25 गांवों की एक बैठक हुई दूध के दाम बढ़ाए जाने पर सहमति बनी है। बता दें कि दूध उत्पादकों ने पिछले साल भी दूध के दाम बढ़ाने की मांग की थी लेकिन कोरोना वायरस की वजह से दूध के दाम नहीं बढ़ाए गए थे। वहीं, दूसरी ओर कृषि कानूनों के विरोध के चलते दूध उत्पादकों ने कीमत में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इसका असर आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर पर सबसे पहले पड़ सकता है। वहीं, दूसरी ओर अमूल के एक अधिकारी ने बताया कि दुध उत्पादन की लागत बढ़ी है। ऐसे में कीमत बढ़ोतरी का फैसला आने वाले दिनों में स्थिति को देखते हुए किया जाएगा।
नोएडा में रहने वाली गृहणी रंजू कुमारी ने बताया कि कोरोना संकट के कारण एक तरफ आय घटी है तो दूसरी तरफ घर खर्च का बजट तेजी से बढ़ा है। रसोई गैस, खाद्य तेल, आंटा, चावल, फल व सब्जी समेत सभी जरूरी सामानों की कीमत में 20 से 30 फीसदी की तेजी आई है। इससे घर खर्च का बजट बहुत ही बढ़ गया है। इससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
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