पटना: बिहार की राजधानी पटना में स्थित पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) को गरीबों का अस्पताल माना जाता है। कहा जाता है कि यहां गरीब से गरीब और लाचार व्यक्ति का इलाज किया जाता है। राज्य सरकार अस्पताल में गरीब और लाचार मरीजों के इलाज के लिए लगातार सुविधाओं में इजाफा करती रहती है। हालांकि पीएमसीएच की हालत दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है।
अस्पताल में गरीब और लाचार मरीज को व्हीलचेयर तक उपलब्ध नहीं कराया जाता है। इसका ताजा उदाहरण सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर देखने को मिला। यहां आला अधिकारियों के सामने एक युवक एक पैर पर कूदता हुआ दिखाई दिया। इस युवक के दाहिने पैर में प्लास्टर लगा हुआ था और वह बाएं पैर पर कूदते हुए अपने घर की तरफ जा रहा था।
जानकारी के अनुसार, मरीज का नाम जितेंद्र है और वे सिवान के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि उनके पैर में चोट लग गई थी जिसके बाद वे किसी तरह अकेले पीएमसीएच पहुंचे। डॉक्टरों ने उनका निरीक्षण किया और पैर में फ्रैक्चर होने के कारण प्लास्टर कर दिया। इलाज के दौरान अस्पताल कर्मियों ने कुछ पैसे भी लिए। उन्होंने बताया कि आज ही प्लास्टर हुआ है और डॉक्टरों ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया है। वे इसी अवस्था में घर जा रहे हैं।
एक पैर से लंगड़ाते हुए जाने के सवाल पर जितेंद्र ने कहा कि अस्पताल से उन्हें व्हीलचेयर नहीं दी गई और वे अकेले आए हैं। इसी कारण उनकी मदद करने वाला भी कोई नहीं है। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने उसे डिस्चार्ज कर दिया है और डिस्चार्ज करने के बाद घर जाने के लिए किसी तरह की सहायता नहीं दी गई। उन्हें कोई लाठी या डंडा तक नहीं दिया गया जिसके सहारे वे घर जा सकें। मजबूर जितेंद्र एक टांग पर कूदते हुए घर गए।


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