पंचायतों के मुखिया के लिए मलाईदार साबित हो रहा कोरोना महामारी
बिपीन कुमार शर्मा
दरियापुर(सारण)- शहर से लेकर गाँव तक जहाँ कोराना कहर की त्रासदी है वही आम आवामों के लिए महामारी घोषित है, वहीं पंचायतों के मुखियाओं के लिए मलाईदार साबित हो रहा। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सरकार नें लाॅकडाउन तो कर दिया है, साथ हीं इसके साइड इफेक्ट के तौर पर उत्पन्न होने वाले समस्याओं से निजात के लिए भी कइ द्वार खोल दिए हैं । आम तौर पर देखा जाए तो गांवों के सरकारी उप स्वास्थ केंद्र कुछ बंद है कुछ खुले हुए हैं तो उसमे मास्क ,सेनेटायजर एवं साफ-सफाई के समुचित साधन का आभाव है। इसके लिए बिहार सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए कोरोना महामारी को हराने के उद्देश्य से पंचम वित्त आयोग के धन राशि का व्यय कर हर ग्राम पंचायत में सम्भवतः मदद पहुंचाने को कहा है। उपलब्ध कराये गये राशि को खर्च करने का पुर्ण अधिकार सम्बंधित पंचायतों के मुखियाओं को दी गयी है साथ ही ग्राम पंचायतों को यह विशिष्ट जिम्मेवारी दी गयी है कि सरकार द्वारा विकसित की गयी सामग्रियों ,साधनों एवं लाॅकडाउन में उत्पन्न होने वाली जनसमस्याओं का पर्याप्त प्रचार-प्रसार लगातार कराया जाना है। जबकि जमीनी हकीक़त यह है कि एक-दो दिन लाउडस्पीकर माइकिंग की महज़ औपचारिकता हीं पुरी की गयी है।
इस संदर्भ में कई सामाजिक कार्यकर्ता ने नाम नही छापने के शर्त पर कहा कि सरकार द्वारा धन राशि मुहैया कराये जाने के बाद भी कोराना के प्रति जागरूकता एवं इसके प्रचार-प्रसार को स्थानीय मुखिया के द्वारा संवेदनशीलता से नहीं लिया जा रहा है। सही मायने में अगर मामले की निष्पक्ष जांच करायी जाए तो एक बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है। ग्राम पंचायतों को राशि उपलब्ध कराने के साथ यह भी जिम्मेवारी दी गयी है कि गांवों में पंचायत भवन , सामुदायिक भवन अथवा विद्यालय भवनों में स्थापित आइसोलेशन सेंटर पर स्वच्छ पेयजलापूर्ति , शौचालय , भवन एवं इसके आसपास स्वच्छता एवं कोई व्यक्ति भूखे न रहे , सभी को कोरेना वायरस से वचाव करते हुए लॉक डाउन का पालन करते हुए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना है। प्रत्येक वार्ड में मास्क,साबुन ,सेनेटाइजर व कीटाणु दवाओं का छिड़काव कराने का निर्देश दिया गया है लेकिन ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है । दरियापुर प्रखंड में कुल 22 पंचायत में कुछ पंचायत के मुखिया द्वारा अपने कुछ पसंदीदा वार्ड में मास्क,साबुन व थोड़ी असहायों को समाग्री का वितरण किया गया है । वही कई पंचायत के वार्ड सदस्यों ने बताया कि मुखिया के द्वारा अभी तक कोई बैठक कोरेना जैसी भयावह महामारी के लेकर नही की गयी है न ही पंचायतो में अभी तक मास्क ,सेनेटायजर , ग्लब्ज व साबुन या असहायों ,निर्धनो का राहत समाग्री का वितरण किया है। वही सामाजिक युवाओं के द्वारा ही थोड़ी राहत समाग्री या मास्क,साबुन का वितरण किया गया है लेकिन मुखिया ,या अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा अभी तक किसी तरह की सहायता से वंचित हैं निर्धन, असहाय लोग । सरकारी आदेश के इतने दिन बीत जाने के बाद भी मुहल्लों में ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव नहीं किया गया है ।जिससे मच्छरों के प्रकोप बढ़ गया है। यह कार्य अगर वार्ड सदस्यों को सरकार देती तो निश्चित ही धरातल पर दिखाई पड़ती । इस महामारी में कितने लोग भूखे प्यासे कोरेना के महामारी से बचते हुए लूक छिप कर कार्य करते हुए अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं लेकिन लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के तरफ़ से कोई राहत या सुविधा उपलब्ध नहीं हुआ है । कई ग्रामीणों ने बताया कि जिस अंकाक्षाओ से जनप्रतिनिधियों को चुने उस पर वे खड़े नही उतर रहे हैं और अपना विकास में दिन रात लगे रहते हैं कहावत चरितार्थ हो रहा है कि भार में जाय जनता अपना काम बनता ।
क्या कहते है प्रखंड विकास पदाधिकारी – जयराम चौरसिया ने बताया कि सभी मुखिया को जिला कार्यालय एवं अनुमंडल कार्यालय द्वारा आवश्यक निर्देश दिए जा चुके है आशा है कि जल्द हीं मुखिया के द्वारा कार्यों को पटल पर लाया जाएगा।
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