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एससी-एसटी एक्ट लागू करने को ले भारत बंद आंदोलन में 13 लोगों के शहादत को किया गया याद, इन शहीदों के बलिदान से ही मिला अधिकार

अरूण विद्रोही की रिपोर्ट

छपरा(सारण)। देश में अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में संशोधन किये जाने के विरोध में गत 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद आंदोलन के दौरान करीब 13 लोगों ने अपनी जान गवां दिया था। जिनके याद में अंबेडकर रविदास महासंघ के तत्वाधान में शहर के नगरपालिका चौक पर महासंघ के अध्यक्ष रामलाल राम के नेतृत्व में शहादत दिवस का आयोजन किया गया। जहां आंदोलन में देश के विभिन्न राज्यों में मृतकों को शहीद को दर्जा देने हुए बलिदान के रूप में याद किया गया है। कार्यक्रम में सबसे पहले आंदोलन में बलिदान देने वालों के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। फिर सभा आयोजित हुई। इस दौरान बाबा साहब डॉ. बीआर अंबेडकर के अनुयायियो ने सरकार व समाज में व्याप्त दलित विरोधी नीतियों, कुप्रथा एवं शोषण की परिमाटी स्थापित करने वाले सामंतियों के खिलाफ पुरजोर तरीके से विरोध प्रकट करने को लेकर संकल्प लिया गया।

वहीं वक्ताओं ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा के केन्द्र की भाजपा-आरएसएस की सरकार के इशारे पर अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर अत्याचार को बढ़ावा देने के लिए हीं एससी-एसटी एक्ट को निष्क्रिय करने की साजिश रची गई थी। जिसके विरोध में देश के सभी दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया, जिसके आलोक में व्यापक आंदोलन कर भारत बंद को सफल बनाया गया था। जिसमें करीब 13 लोगों में अपनी बलिदान दिया, इस पर केन्द्र सरकार को झुकना पड़ा और एससी-एसटी एक्ट को पुन: बहाल किया गया। उन्होंने कहा कि इन वीर सपुतों के शहदत से देश के दलितों को सुरक्षा मिला है। ऐसे में सभी अनुसूचित जाति समुदाय के लोग संकल्प ले कि आगे कोई भी सरकार अगर दलितों के विरोध में कोई भी निर्णय लागू करती है तो व्यापक स्तर पर विरोध प्रकट किया जाएगा।

अधिवक्ता रामराज राम ने कहा कि केन्द्र की भाजपा-आरएसएस की सरकार अभी भी अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के विरोध में काला कानून संसद में परित कर रही है, जिसके प्रति सभी लोगों को सचेत होना होगा, अन्यथा देश के दलितों को 200 वर्ष पिछे ले जाने की साजिश रची जा रही है। वरीय नेता श्रीभगवान राम कहा कि देश की वर्तमान सरकार धीरे-धीरे आरक्षण को भी समाप्त कर रही है। साथ ही कहा कि मोदी सरकार धड़ल्ले से रेलवे, बैंक, बीएसएनएल, तेल, एयर लाइंस सहित अन्य सरकारी संस्थानों को बेच रही है। जिसमें दलितों को नौकरी नहीं मिल सकेगा। ऐसे में जरूरत है कि अब नीजि क्षेत्रों में भी आरक्षण को लागू कराने के लिए देश की सभी दलित संगठन गोलबंद होकर विरोध प्रकट करें। ताकि दलितों के अधिकारों की रक्षा हो सके।

वहीं शिवनाथ राम ने एससी-एसटी एक्ट के समर्थन में भारत बंद आंदोलन में शहीदों को नमन करते हुए कहा कि केन्द्र की भाजपा आरएसएस सरकार देश को गुलामी की तरफ ले जा रही है। बाबा साहब डॉ. बीआर अंबेडकर ने अंग्रेजों से लड़कर देश में 12 घंटे मजदूरी के बदले 8 घंटे तक कार्य करने के लिए कानून बनाया। लेकिन भाजपा-आरएसएस की मोदी सरकारी ने कानून में संशोधन कर अंग्रेजों के कानून की तरह नीजि क्षेत्रों में 12 घंटे तक काम करने के काला कानून बनाया है। जो देश को फिर गुलाम करने की साजिश प्रतीत हो रहा है। वहीं सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय के अधिकारों में कटौती करने के लिए धड़ल्ले से संविधान संशोधन कर रही है, जिसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाना चाहिए। इस मौके पर देवेन्द्र राम, लक्ष्मण राम, डॉ. कलिन्द्र राम, भीम आर्मी के चंदन चमार, अशुतोष कुमार, सतीश कुमार, अमरनाथ राम, गामा राम, सत्यदेव दास, प्यारचंद राम, तारकेश्वर राम, रामयादी राम, सुरेशचंद राम, चन्द्रदीप राम, भुअर राम, डॉ. अविनाश बौद्ध, रविन्द्र कुमार दास, जमदार राम, ब्यास मांझी, शैलेन्द्र चौधरी आदि ने संबोधित किया, मौके पर जिले के विभिन्न प्रखंडों में सैकड़ों अंबेडकर अनुयायी उपस्थित थे।

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