राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा (सारण)। एक अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी क़ानून पर्णतः फेल हो चुकी है। सारण जिला राजद प्रवक्ता हरेलाल यादव ने शराबबंदी क़ानून पर नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए पूछा है कि जब बिहार में पूर्णतः शराबबंदी क़ानून लागू है। शराब कारोबारियों को पकड़ने के लिए सैकड़ों जगह चेकपोस्ट बनाई है तब क्यों और किसकी मिलीभगत से झारखण्ड, बंगाल, यूपी, हरियाणा, पंजाब, अरुणाचल, असम एवं बगल के देश नेपाल और भूटान से बड़ी मात्रा में शराबों के खेप बिहार पहुंच रहे हैं? जब बिहार की डबल इंजन वाली सरकार और उसके नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी शराबबंदी क़ानून पर सख्ती बरत रहे हैं तो किसके सह पर बिहार के लगभग सभी गांवों में देशी शराब (चुलाई) का कारोबार दिनों रात फल फूल रहा है ? जिसको पीकर बिहार के सैकड़ों ग़रीब एवं मजदूर तबके के लोग मर रहे हैं ? राजद प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी कानून की आड़ में नीतीश सरकार बिहार की जनता का आर्थिक, शारीरिक व मानसिक दोहन एवं शोषण कर रही है। नीतीश सरकार की शराबबंदी क़ानून पर नीति व नियत तथा मंसा साफ रहती तो बिहार के सभी डीएम, एसपी, थानेदारों एवं मधनिषेध विभाग के अधिकारियों से ये शपथ-पत्र लेते कि जिनके क्षेत्र में शराब की बरामदगी होगी या शराब पीते हुए लोग पकड़े जाएंगे उन्हें सरकारी सेवा से बर्खास्त कर जेल के सलाखों में डाला जाएगा। शराब बंदी के नाम पर ये सरकार भ्रष्टाधिकारियों एवं शराब माफियाओं को मालामाल एवं आमजनता को बर्बाद कर रही है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण ने वर्ष 2020 के सर्वे के अनुशार ड्राई स्टेट होने के वावजूद बिहार में महाराष्ट्र से ज्यादा लोग शराब शराब पी रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि बिहार में 15.5 प्रतिशत लोग बिहार में प्रतिदिन शराब का सेवन करते हैं। ज्ञात हो कि वर्ष 2005 से 2015 के बीच नीतीश सरकार ने बिहार के हर पंचायतों में शराब की दुकान खोलवाई थी। बिहार में आज जो लोग अंग्रेजी व देशी शराब शराब का सेवन कर रहे हैं। उन्हें दुगुनी से तिगुनी कीमतें चुकानी पड़ती है। अतः यह क़ानून पूर्णतः बिहार में फेल है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो हाल ही में रिपोर्ट जारी किया है। उसमें स्पस्ट तौर पर कहा गया है कि बिहार के लोग महाराष्ट्र के लोगों से ज्यादा आज शराब का सेवन कर रहे हैं। जिससे साफ जाहिर होता है कि यह क़ानून एक ढोंग है। इसके जरिये सत्ता संरक्षित भ्रस्टाचारियों ने समानांतर अर्थब्यवस्था खड़ी कर रखी है। राजद प्रवक्ता ने सरकार से पूछा है कि शराब की बड़ी खेप पकड़े जाने पर कितने एसपी-डीएसपी पर सरकारी करवाई की गई है। विगत महीने मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज के प्रांगण से नीतीश सरकार के मंत्री रामसूरत राय के यहां से बड़ी मात्रा में शराब की बरामदगी हुई, विगत विधानसभा सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव द्वारा मंत्री की बर्खास्तगी की मांग पुरजोर तरीके से की गई परंतु मंत्री की वर्ख़ास्तगी की बात तो दूर सीएम नीतीश कुमार व उनके आलाधिकारी मंत्री व उनके भाई को बचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश सरकार के गलत एवं अविवेकपूर्ण शराबबंदी क़ानून के तहत सरकार के भ्रष्टधिकारियों एवं शराब माफियाओं की मिलीभगत के चलते चार से पांच हजार करोड़ रुपये की राजस्व का नुकसान हो रहा है तथा इससे दुगुनी राशि भ्रष्टाधिकारियों एवं शराब माफियाओं के जेबों में जा रहे हैं। राजद प्रवक्ता ने जोड़ देकर कहा कि इस क़ानून को गलत तरीके से लागू किया गया है। जिसके कारण सैकड़ों लोग अवैध जहरीली शराब पीकर बेमौत मर रहे हैं तथा सैकड़ों ग़रीब मजदूर बिहार की जेलों में सड़ रहे हैं।


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