पूर्वा हवा से गेहूं फसल के किसानों परेशानी, थ्रेसर संचलाक किसानों से दौनी करने के लिए वसूल रहे है अधिक राशि
संजय कुमार सिंह। बनियापुर
बनियापुर(सारण)। विगत एक पखवाड़े से पुरवा हवा चलने और सुबह-शाम आसमान में बादल छाये रहने से किसानो को गेहूं की दौनी करने में काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ रहा है। फिलवक्त गेहुं की कटनी का कार्य करीब-करीब संपन्न हो चुका है। मगर तीन दिन पूर्व हुई बारिश की वजह से खलिहान में रखे गेहुं के बोझा कुछ दिन पहले हुई बारिश में बुरी तरह से भींग गये है। ऐसे में अब किसानों को दौनी से पूर्व बोझा को सूखाना पड़ रहा है। जिससे किसानों की आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानी बढ़ गई है। पशुपति राय, मदन सिंह, अर्जुन राम, उमेश राम, जितेन्द्र साह, जमादार महतो सहित दर्जनों किसानो ने बताया की इस बार मौसम कर बेरूखी के कारण गेहूं की दौनी करने में समान्य मौसम की अपेक्षा काफी अधिक समय लग रहा है। इस वजह से अतिरिक्त राशि खर्च करनी पर रही है। बारिश में भींगे गेहूं के बोझा को सुखाने के बाद भी पूरवा हवा के कारण अधिक नमी है, जिससे थ्रेसर संचालक दौनी करने के लिए अधिक राशि की ले रहे है। रूपये नहीं देने पर गेहूं ले रहे है। जानकारों की माने तो सामान्यतः गेहूं की दौनी के लिये पछुआ हवा का चलना अनुकूल माना जाता है। किसानो की माने तो पछुआ हवा चलने के दौरान ट्रैक्टर चलित थ्रेशर से औसतन 50 -60 बोझा प्रति घंटे दौनी की जाती है। मगर लगातार पुरवा हवा चलने और बारिस की वजह से गेहूं के पौधों में नरमाहट होने को लेकर प्रति घंटे महज 20-25 बोझा ही दौनी हो पा रही है। जिसके वजह से किसानो को दुगुनी से भी अधिक राशि खर्च करनी पड़ रही है।
पुरवा हवा चलने से थ्रेशर संचालकों की बल्ले-बल्ले
इस बार गेहूंं की दौनी करने वाले थ्रेशर संचालको की बल्ले-बल्ले है। मौसम के बिगड़े रुख को देख किसान घंटे की परवाह किये बगैर रातो-दिन मजदूर और परिजनों के साथ मिलकर जल्द से जल्द दौनी कार्य निबटाने में जुटे है। इस बीच मौसम विभाग द्वारा 26 अप्रैल को सूबे के कई जिलों में तेज आंधी बारिश की संभावना जताई गई है। ऐसे में किसानो को इस बात का भय सता रहा है की कही दुबारा बारिस हुई तो सब किये-धरे पर पानी फिर जायेगा। ऐसे में अधिक समय तक दौनी संचालित होने और प्रति किसान गत वर्ष की तुलना में अधिक समय लगने से थ्रेशर संचालको को अच्छी आमदनी हो रही है। किसानो ने बताया की गत वर्ष की अपेक्षा इस बार ट्रैक्टर चालको द्वारा प्रति घंटे रकम भी बढ़ा दी गई है। जहां गत वर्ष प्रति घंटे 500-600 रुपये की दर से दौनी कार्य हो रहा था। वही इस बार 600-700 की दर से प्रति घंटे दौनी कार्य हो रहा है।


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