राष्ट्रनायक न्यूज

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कोरोना के संक्रमण को देखते हुए शिक्षकों को विभाग एवं महाविद्यालय में भौतिक उपस्थिति पर लगाई जाए रोक :  प्रोफ़ेसर रंजीत

प्रो. संजय पाण्डेय। राष्ट्रनायक न्यूज।

छपरा (सारण)। जयप्रकाश विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव प्रोफ़ेसर रंजीत कुमार ने  मंगलवार को जेपीयू के कुलसचिव कर्नल श्यामानंद झा को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि जेपीयू के क्षेत्राधीन सारण  प्रमंडल के तीनों जिले में कोरोना संक्रमण का तेजी से पसार हो रहा है। स्नातकोत्तर विभागों एवं महाविद्यालयों में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उचित दूरी का अनुपालन संभव नहीं है क्योंकि शिक्षकों के बैठने के लिए अलग-अलग कक्ष उपलब्ध नहीं है । इस वजह से स्नातकोत्तर विभागों एवं विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत दर्जनों शिक्षक कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। संक्रमित शिक्षकों के संपर्क में रह रहे अन्य शिक्षकों के भी संक्रमित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने अपने पत्र में जिक्र किया है कि बिहार सरकार के द्वारा 10 अप्रैल को जारी पत्र के आलोक में छात्रों का विभाग , महाविद्यालय में आना वर्जित है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में छात्रों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। कोरोना संक्रमण की स्थिति बेकाबू होती प्रतीत हो रही है। कोरोना संक्रमण की भयावहता के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने 17 अप्रैल से पीजी तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है जो बहुत ही जोखिम भरा कदम हो सकता है। बिहार के अन्य विश्वविद्यालयों में परीक्षा को टाल दिया गया है तथा शिक्षकों की भौतिक उपस्थिति की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया गया है। इन सभी चीजों के मद्देनजर प्रोफेसर रंजीत कुमार ने कुलसचिव से निवेदन किया है कि शिक्षकों को अपने आवास से ही ऑनलाइन वर्ग संचालन की अनुमति दी जाए तथा अपरिहार्य होने पर ही विभाग या महाविद्यालयों में भौतिक रूप से उपस्थित रहने की बाध्यता हो। साथ ही शिक्षकों एवं कर्मचारियों के जान को जोखिम में डालकर परीक्षा कराने का कोई औचित्य नहीं है । इसलिए 17 अप्रैल से आयोजित होने वाली परीक्षा को अभिलंब स्थगित कर दिया जाए तथा स्नातकोत्तर विभागों एवं महाविद्यालयों को समय-समय पर सैनिटाइज कराना भी सुनिश्चित किया जाए।

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