संजय कुमार सिंह। राष्ट्रनायक न्यूज।
बनियापुर (सारण)। अपने बीरता और साहस के बल पर अंगरेजी हुकूमत का नींव हिला देने वाले महान योद्धा बाबू बीर कुंवर सिंह की जयंती शुक्रवार को प्रखंड के विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थानों में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए सादे समारोह में मनाई गई।इस अवसर पर अलग-अलग विद्यालयों में युद्धनीति के परांगत योद्धा बीर कुंवर सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर शिक्षको द्वारा उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया गया। उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेदौली, प्राथमिक विद्यालय कन्हौली प्राथमिकी विद्यालय कन्हौली मठिया,मध्य विद्यालय बनियापुर बालक सहित कई विद्यालयों में कुंवर सिंह के जयंती के अवसर पर वक्ताओं द्वारा उनकी बीरता के बारे में बिस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए उनसे प्रेरणा लेने के लिये प्रेरित किया गया।एचएम सच्चिदानंद शर्मा ने बताया की 1857 के सिपाही विद्रोह में बाबू कुंवर सिंह की महथी भूमिका रही। इस दौरान उन्होंने आरा से लेकर आजमगढ़ तक अंग्रेजी सेना से निर्णायक लड़ाईया लड़ी और मुँहतोड़ जवाब दिया।वे एक अच्छे शासक, महान योद्धा और बेहतरीन इंसान थे। जिन्होंने सिपाही विद्रोह के दौरान जगदीशपुर से नेतृत्व किया था। उनकी अदम्य साहस और अतुलनीय बीरता का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की 80 वर्ष की उम्र में भी अंग्रेजो से लोहा लेने के दौरान बाहँ में गोली लगने पर उन्होंने अपना हाथ काटकर गंगा माँ को समर्पित कर दिया था। आज ही के दिन उन्होंने अंग्रेजी सेना पर विजय प्राप्त की थी।इसलिये इसे विजयोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
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