राष्ट्रनायक न्यूज।
छपरा/सारण। जिले के कोठियां नरांव सूर्य मंदिर परिसर में बाबू वीरकुवर सिंह की 163 वीं जयंती सोशल डिस्टेंस एवं मास्क पहनकर मनाई गई। उपस्थित सभी लोगों ने बाबु वीरकुवर सिंह के संघर्ष एवं बलिदान को याद करते हुए कहा कि वे एक सच्चे देशभक्त एवं 1857 के स्वाधिनता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ते हुए इतिहास कायम किया। आज के परिवेश में जो साठ वर्ष के उम्र में अपने को रिटायर समझते हैं इसके विपरित बाबु कुंवर सिंह अस्सी वर्ष के उम्र में अंग्रेजों के दांत खट्टे किए हुए थे। चर्चा में बाबू वीरकुवर सिंह के आदर्शों एवं अपनाएं गए रास्ते पर चलते हुए समाज को इकट्ठा एवं बाहरी ताकतों से बचाने पर बल दिया गया। प्रखंड कर्मचारी रणविजय सिंह ने कहा कि अगर वीरकुवर सिंह का नेतृत्व उस समय के राजवारा मान गए होते तो अंग्रेज 1857 ईस्वी में ही देश से बाहर होते। कृषि समन्यवक हेमन्त सिंह ने कहा कि अंग्रेजों ने फुट डालो शासन करो की नीति अपनाकर एक दुसरे राज्यों को प्रलोभन देकर लड़ाकर हमें एक नहीं होने दिया ।
शिक्षक नेता राकेश कुमार सिंह ने कहा कि हम सभी को समाज में पिछड़े लोगों को मदद एवं उनको शिक्षित कर समाज को आगे बढ़ाने की जरूरत है तभी सच्चे रूप में बाबू बीरकुवर सिंह की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जयंती में नरांव पंचायत के सरपंच कृष्ण कुमार ठाकुर साहब, गरखा प्रखंड उप प्रमुख पति पुरणेंदु सिंह, शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश कोषाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, कृषि समन्यवक हेमन्त सिंह, प्रखंड कर्मचारी रणविजय सिंह, संकुल समन्वयक संतोष सिंह, विवेक सिंह, नीतेश सिंह, अंकित सिंह,सुरज सिंह, राजेश सिंह, सुजीत सिंह मुख्य रूप से शामिल हुए।


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