राष्ट्रनायक न्यूज

Rashtranayaknews.com is a Hindi news website. Which publishes news related to different categories of sections of society such as local news, politics, health, sports, crime, national, entertainment, technology. The news published in Rashtranayak News.com is the personal opinion of the content writer. The author has full responsibility for disputes related to the facts given in the published news or material. The editor, publisher, manager, board of directors and editors will not be responsible for this. Settlement of any dispute

हमारे पास ही है कोरोना रक्षा कवच

राष्ट्रनायक न्यूज। कोरोना ने भारत और पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। सामाजिक जीवन में इसके असर को खत्म करने के लिए जितने उपाय भारत ने किए उतने दुनिया में नहीं हुए। लॉकडाउन, सोशल डिस्टेसिंग, सेनेटाइजेशन और मास्क यह बंदोवस्त भारत ने किए। इसका परिणाम यह निकला कि पिछले साल भी हमने इस पर नियंत्रण पा लिया और पहली लहर के हमले के दौरान ही हमने वैक्सीनेशन भी कोवैक्सीन और कोविशिल्ड के रूप में इजाद कर ली लेकिन लगभग डेढ़ महीना पहले जब कोरोना की दूसरी लहर ने हमला किया तो इसका परिणाम बड़ा खतरनाक रहा। जब कोरोना पीक पर था तो हर रोज के केस 98 हजार तक ही पहुंच पाए थे परन्तु दूसरी लहर के चलते आज यही आंकड़ा 3 लाख रोजाना तक पहुंच चुका है। वजह साफ है कि लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे। जरूरी यही है कि अब लोग एकजुट होकर नियमों का पालन करें। पीएम मोदी जी ने अब तक रूसी वैक्सीनेशन स्पुतनिक-वी कोे भी भारत में लाने की इजाजत दे दी है। कोरोना के खात्मे के लिए नियमों का पालन ही जरूरी है और दवा के बारे में सही जानकारी उससे भी जरूरी एवं अहम बात यह है कि युवा पीढ़ी और बच्चों को कोरोना से बचाकर रखा जाए।

यद्यपि प्रधानमंत्री जी ने अब 18 साल से ऊपर की उम्र के युवा वर्ग को वैक्सीन लगाने की इजाजत दे दी है तथा यह चरण भी 1 मई से शुरू हो जाएगा। इसका स्वागत किया जाना चाहिए। वैक्सीन आ गई है, सबको लग रही है इसका गर्व किया जाना चाहिए लेकिन सड़कों पर आकर बाजारों में भीड़ की शक्ल में इकट्ठे होने का मतलब है कोरोना को फिर से गले लगाना। सबसे बड़ी बात हम सबको ध्यान में रखनी है कि यह एक ऐसा वायरस है जिसने सारी दुनिया पर अटैक किया हुआ है। इसके लिए जो समाधान बताए जा रहे हैं उसका पालन करना बहुत जरूरी है। जरूरी हो तो घर से बाहर निकलना है नहीं तो नहीं। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ बार-बार धोना, सेनिटाइजर करना और दहशत में नहीं रहना। एक-दूसरे को हौसले के पैगाम दो, हौसला या सकारात्मक विचार हो, अहसास हो, बीमारी से लड़ने के लिए सकारात्मक होना जरूरी है कि मैं ठीक हूं, ठीक हो जाऊंगा या जाऊंगी। बाकी मैं हमेशा कहती हूं कि जीवन-मरण, हानि-लाभ, यश-अपयश विधि हाथ है, इसलिए अपने आप को व्यस्त रखें, प्रभु का नाम लें, काम करें। हमने अपने वरिष्ठ नागरिकों को बहुत व्यस्त रखा है। अगर लॉकडाउन है तो सख्ती से पालन करें। अगर आफिस जा रहे हैं तो नियमों का पालन करें। अब हमें कुछ समय के लिए अपने आपको इस अनुशासन में ढालना होगा।

अब जबकि दिल्ली में लॉकडाउन लगा है तो भी लोग परेशान रहे हैं लेकिन सरकार का यह कदम लोगों की भलाई के लिए ही हैै, इसलिए लोगों को इसका पालन करते हुए सोशल डिस्टेसिंग माननी ही चाहिए। बड़ी बात यह है कि हमें अपनी युवा पीढ़ी और नवजात शिशुओं से लेकर 11 साल की उम्र तक के बच्चों को बचाना है। यह कैसे सम्भव होगा यह सब घर पर ही रहने से हम कोरोना से बच सकते हैं, जिस दिन आप इसे स्वीकार कर लेंगे उस दिन कोरोना से आपको एक बड़ी विजय प्राप्त होगी। मोदी जी ने कोवैक्सीन और बीमारी से निपटने के लिए उपायों में कोई भेदभाव नहीं किया है। खुद सीएम केजरीवाल ने जब आक्सीजन की कमी की बात कही तो पीएम ने उनका कोटा बढ़ा दिया और खुद केजरीवाल जी ने ट्वीट करके मोदी जी का शुक्रिया अदा किया। इसलिए बाकी राज्य भी सबक लें। यह बात सच्ची है कि इस समय कोई भी नागरिक वह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड या कहीं का भी हो उसे किसी प्रदेश का न मानकर एक भारतीय के रूप में मानकर अगर उसे आक्सीजन की जरूरत है तो वह उपलब्ध कराई जानी चाहिए। जब अस्पतालों में बेड भर जाएंगे और कोरोना का असर बढ़ने लगा तो आक्सीजन की डिमांड बढ़ना स्वाभाविक है लेकिन लोग अफरातफरी न फैलाएं।

कोविड टीके की जब पहली खुराक लगी थी तब से लेकर आज तारीख तक 21 हजार लोग कोरोना से संक्रमित भी हुए। यह बात आन दा रिकार्ड सरकार की ओर से कही गई है लेकिन यह भी तो सच है कि जब उन्हें दूसरी डोज लगेगी तो उन्हें कोरोना नहीं होगा। यह बात जाने-माने कार्डियोलोजिस्ट डा. नरेश त्रेहन भी स्पष्ट कर चुके हैं। देश कोरोना से एक योद्धा की तरह निपट रहा है। आज कुल 14 करोड़ टीकों में से 90 प्रतिशत लोगों को कोविशील्ड लग चुका है। मोदी जी की और केजरीवाल जी की इस अपील का वे प्रवासी मजदूर सम्मान करें जो वापिस अपने राज्यों को लौट रहे हैं। वह जहां हैं वहीं रहें यह उनके लिए अच्छी बात रहेगी। पूरा भारत और हर राज्य कोरोना के खिलाफ डटा हुआ है। डाक्टर, नर्सें, हैल्थकर्मी, पुलिसकर्मी और सेना भी डटी हुई है। खुद पीएम मोदी जी, गृहमंत्री अमित शाह जी, हैल्थ मंत्री डा. हर्षवर्धन जी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी कोविड-19 के खात्मे के लिए बराबर समीक्षा कर रहे हैं। हम खुद सुरक्षित रहें और आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाने का काम करते रहेंगे, इस मंत्र का पालन करना ही हम सबका कर्त्तव्य होना चाहिए क्योंकि यही हमारा कल तक रक्षा कवच था, है और रहेगा भी।

You may have missed