नई दिल्ली, (एजेंसी)। प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ को लॉन्ग टर्म रिटारमेंट के लिए जाना जाता है, लेकिन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नियमों के अनुसार, पीएफ निकासी की अनुमति कुछ शर्तों में दी जाती है। मेडिकल इमरजेंसी, फ्लैट या जमीन खरीदने, मकान बनवाने के लिए आप पीएफ से कुछ रकम निकाल सकते हैं। टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्टस के अनुसार, मेडिकल इमरजेंसी या गंभीर बीमारी के दौरान पीएफ बैलेंस का उपयोग किया जा सकता है। अगर आप कोविड-19 से कंक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी कहते हैं, “एक पीएफ / ईपीएफ खाताधारक को अपने, पति या पत्नी, बच्चों या माता-पिता के साथ होने वाली मेडिकल इमर्जेंसी के लिए निकासी की अनुमति है, लेकिन याद रखें , पीएफ निकासी के लिए आपातकालीन चिकित्सा का अर्थ है गंभीर बीमारी, जिसके ट्रीटमेंट में बहुत पैसा लग रहा हो। “मेडिकल इमरजेंसी के दौरान एक ‘पीएफ / ईपीएफ बैलेंस से कितने रुपये निकाले जा सकते हैं? इस प्रश्न का जवाब देते हुए मुंबई स्थित कर और निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन कहते हैं कि “एक व्यक्ति अपने एक महीने के मूल वेतन का छह गुना या शुद्ध योगदान प्लस ब्याज में से जो भी कम हो, निकाल सकता है। मेडिकल इमरजेंसी के लिए पीएफ / ईपीएफ निकासी के लिए लॉक-इन या अनिवार्य सेवा अवधि नहीं है।”
क्या कोई कोविड के इलाज के लिए भी पीएफ / ईपीएफ बैलेंस की निकासी कर सकता है? इस सवाल पर बलवंत जैन ने कहा, “हां। यदि पीएफ खाताधारक, उसके पति या पत्नी, बच्चों या माता-पिता को अस्पताल में भर्ती होने के बाद कोविड संक्रमण हो जाता है तो पीएफ / ईपीएफ निकासी संभव है, लेकिन, पीएफ खाताधारक को गंभीर बीमारी और इलाज में खर्चों, अस्पताल के बिल और अस्पताल में भर्ती होने के कागजात दिखाने होंगे। ह्वजैन ने कहा कि पीएफ निकासी की अनुमति है यदि अस्पताल में भर्ती की अवधि एक महीने से अधिक हो या एक बड़ी सर्जरी के लिए हो। यदि कोविड -19 के इलाज में इन शर्तों को पूरा करता है तो पीएफ खाता धारक भविष्य निधि खाते से पैसा निकाल सकता है।


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