- जागरूकता और जानकारी ही मातृ मृत्यु दर में ला सकते हैं कमी
राष्ट्रनायक न्यूज।
रिविलगंज (सारण)। देश में मातृ मृत्यु का एक बड़ा कारण असुरक्षित गर्भपात भी है.यह जानकारी आई पास डेवलपमेंट फेडेरेशन की जिला समन्वयक अभिरंजन श्रीवास्तव द्वारा रिविलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रशिक्षण के दौरान कही गयी। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि फाउंडेशन द्वारा उत्तर प्रदेश, बिहार के 10-10 जिले में एक साझा प्रयास नेटवर्क बनाकर सुरक्षित गर्भ समापन पर रिसर्च किया गया। उन्होंने कहा कि अनचाहा गर्भपात महिला के प्रजनन आयु के दौरान होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है। इस पर अक्सर महिलाएं बात चीत करने से भी हिचकती है कि उनके पास अनचाहा गर्भ ठहरने पर क्या विकल्प है और कानून इसके बारे में क्या कहता है। इसकी जानकारी ना होने के कारण ही महिलाएं और असुरक्षित विकल्प का चयन करती हैं। आज भी देश में प्रतिदिन महिलाओं की मृत्यु केवल असुरक्षित गर्भपात के कारण हो रही है।
श्रीवास्तव ने कहा कि यदि किसी महिला को महावारी के दिन चढ़ गए हों या उसे अनचाहे गर्भ की आशंका हो तो उसे तुरंत नजदीकी आशा, एएनएम या डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए.अगर गर्भधारण की पुष्टि होती है और महिला गर्भ नहीं चाहती है तो उसे गर्भपात का निर्णय जल्द लेना चाहिए। बशर्ते कि यह गर्भपात लिंग जांच निर्णय के आधार का ना हो। यदि गर्भ 20 सप्ताह या साढ़े 4 महीने तक का हो तो एमटीपी एक्ट 1971 के तहत गर्भपात कराया जा सकता है। अगर गर्भ 9 सप्ताह का हो तो गोलियों द्वारा भी गर्भपात कराया जा सकता है। गर्भपात जितनी जल्दी हो उतना सरल और सुरक्षित होता है। यदि महिला 3 महीने से ज्यादा अवधि के गर्भ का गर्भपात कराना चाहती है तो भी घबराने की कोई जरूरत नहीं है। 20 सप्ताह बाद गर्भपात सेवाएं लेने के लिए महिला को बड़े अस्पतालों जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाना होता है। गर्भावस्था की अवधि के आधार पर महिला को इन सेवाओं के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाता है। गर्भपात के बाद महिलाओं को तुरंत ही किसी गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग शुरू कर देना चाहिए। क्योंकि गर्भपात और अगले गर्भधारण के बीच कम से कम 6 माह का अन्तर जरूरी होता है। एक महिला के लिए गर्भपात एक मुश्किल भरा निर्णय होता है। यानि देश में होने वाली मातृ मृत्यु में से लगभग 8 प्रतिशत मृत्यु असुरक्षित गर्भपात के कारण होती हैं।
कोरोना एक गंभीर बिमारी है गर्भपात कराने की स्थिति में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। हॉस्पीटल एवं ऑक्सीजन की सुविधा अतिआवश्यक है। सरकार से आग्रह है कि महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात के लिए ऑक्सीजन मुहैया कराया जाये। ताकि महिलाओं की मृत्यु न जो पाये और उन्हें सुरक्षित गर्भपात हो पाये। यदि किसी महिला को माहवारी के दिन चढ गये हों या उसे अनचाहे गर्भ के ठहरने की आशंका हो तो उसे बिना किसी देरी के नजदीकी आशा या एएनएम से संपर्क करना चाहिए या डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर गर्भधारण की पुष्टि हो जाती है और महिला गर्भ नहीं रखना चाहती है तो उसे गर्भपात का निर्णय जल्दी ले लेना चाहिए।ऐसे में उसके पति को निर्णय लेने में सहयोग करना चाहिए। सही जानकारी एवं आपसी सहयोग से ही देश में हो रही असुरक्षित गर्भपात से हो रही मातृ मृत्यु दर में कमी ला सकते हैं। आई पास डेवलपमेंट फाउंडेइसन इस जानकारी को सामुदायिक स्तर पर ले जाकर लोगों को जागरुक करने का प्रयास कर रही है।


More Stories
सारण के सांसद रूडी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की हुई बैठक, विकास योजनाओं पर हुई चर्चा
कार्यपालक सहायकों ने स्थायीकरण की मांग को ले दी चरणबद्ध आंदोलन व अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
चुनाव आयोग की मनमानी और अलोकतांत्रिक कार्रवाई के विरुद्ध सी पी आई(एम) ने निकाला प्रतिरोध मार्च, डीएम को ज्ञापन सौंपा