राष्ट्रनायक न्यूज।
मांझी (सारण)। मांझी प्रखंड के जैतपुर गांव निवासी व पशुपालन विभाग में चारा विकास पदाधिकारी के पद से सेवानिवृत्त डॉ भरत तिवारी की 95 वर्ष की उम्र में उनके पैतृक गांव में सोमवार की रात निधन हो गया। वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। नियम संगत कार्य करने वाले डॉ. भरत तिवारी को सबसे बड़ा चारा घोटाला होने के बाद इन्हें दाग तक नहीं लगा। उनकी प्रथम पोस्टिंग एकमा के हंसराजपुर में हुई थी। जबकि वर्ष 1994 में हाजीपुर से सेवानिवृत हुए। वह मृदुभाषी व कर्तव्यनिष्ठ इंसान थे। उनके निधन की खबर सुनकर सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्रा, मनोज तिवारी, पंचानंद पाण्डेय,समेत दर्जनों जनप्रतिनिधि और संभ्रांत लोगों ने श्रद्धांजलि दी है। उनका अंतिम संस्कार कोविड-19 प्रोटोकोल के अंतर्गत मांझी के सरयू नदी के तट पर किया गया। मुखाग्नि उनके सबसे छोटे पुत्र डॉ राकेश तिवारी ने दी। वे अपने पीछे तीन पुत्र, पुत्र वधू समेत पोतों से भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।


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