राष्ट्रनायक न्यूज।
पटना (बिहार)। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने रविवार को ट्वीट कर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी 2019-2020 की रिपोर्ट के हवाले से सरकार पर निशाना साधा। कहा है कि रिपोर्ट पढ़ने के बाद आपको समझ जाना चाहिए कि 2005 राजद शासनकाल में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी सुदृढ़ थी और 16 वर्ष बाद जदयू-भाजपा राज में स्वास्थ्य व्यवस्था और सेवा की कितनी जर्जर हालात है। आरोप लगाया कि आज बिहार का स्वास्थ्य विभाग खुद आईसीयू में है।
तेजस्वी ने दावा किया कि वर्ष 2005 में ग्रामीण बिहार में 10337 कार्यरत स्वास्थ्य उपकेंद्र थे, जबकि 2020 में कागजों में केवल 9112 उपकेंद्र हैं। उनमें से अधिकतर कार्यरत भी नहीं हैं। कहा कि 2005 में प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की कुल संख्या 101 थी, जो 2020 में घटकर केवल 57 रह गई है।
खुद सोचिए और पूछिए, 16 वर्षों में सरकार ने प्रदेश में 2005 तक कार्यरत कितने स्वास्थ्य केंद्रों को कब, क्यों और किसलिए बंद कराया। 16 वर्षों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य उप केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की संख्या बढ़ाने की बजाय नीतीश सरकार द्वारा कम कर दी गयी। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि पूर्णिया में उग्र भीड़ द्वारा गरीबों और महादलितों के घर जलाकर उनके साथ मारपीट की गई। यह दर्दनाक व शर्मनाक घटना है। किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। मांग की कि सरकार अविलंब दोषियों पर कड़ी कार्रवाई कर पीड़ितों को पक्का घर व मुआवजा प्रदान करे।


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