राष्ट्रनायक न्यूज

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बिहार में सरकारी सहायता से हर साल लगेंगे 40 कृषि उद्योग

राष्ट्रनायक न्यूज।
पटना (बिहार)।  कोरोना काल में बेरोजगार हुए युवकों के लिए अच्छा अवसर है। अगर उनके पास नया आइडिया है तो सरकार उन्हें कृषि उद्योग लगाने के लिए पैसा देगी। पहले से अगर कोई कृषि उद्योग चला रहे हैं तो वे भी इसका लाभ ले सकते हैं। लेकिन उद्योग पारंपरिक नहीं बल्कि नवाचर आधारित हो। योजना से बिहार में हर साल 40 नए कृषि उद्योग लगेंगे। योजना के अनुसार इच्छुक आवेदकों को पहले ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद उन्हें उद्योग लगाने का पैसा मिलेगा। ट्रेनिंग के दौरान आवास और खाने-पीने की व्यवस्था के साथ अलग से स्टाइपेंड मिलेगा। इस योजना के तहत दो कंपोनेंट हैं। पहला सब उमंग है। इसमें ट्रेनिंग के दौरान युवकों को दस हजार रुपये स्टाइपेंड मिलेगा। आइडिया अगर केंद्र ने चयनित किया तो उन्हें पांच लाख तक की राशि सहायता के रूप में मिलेगी।

दूसरा कंपोनेंट है सब स्वावलंबी। इसके तहत इच्छुक लोगों को ट्रेनिंग के दौरान 25 हजार रुपये मिलेंगे और बाद में उद्योग लगाने के लिए 25 लाख रुपये तक की सहायता राशि। भारत सरकार की रफ्तार योजना के तहत शुरू हुई इस नई योजना के लिए देश के जिन 40 संस्थानों का चयन हुआ है उसमें राज्य का बिहार कृषि विश्वविद्यालय भी है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय हर साल दोनों कंपोनेंट में 20-20 यानि कुल 40 लोगों का चयन कर सकता है। विश्वविद्यालय को ट्रेनिंग देने में कोई रोक नहीं है। विश्वविद्यालय की टीम को लगता है कि युवक का आइडिया नवाचार है तो काफी अधिक संख्या में भी युवकों को ट्रेनिंग दे सकता है। सभी को इस दौरान स्टापेंड भी दे सकता है। लेकिन केंद्र सरकार उनमें से 40 का ही चयन एक साल में करेगी। अगर विश्वविद्यालय द्वारा भेजी गई सूची में 30 युवकों का ही चयन हुआ तो यहां से फिर दूसरे युवकों को ट्रेनिंग देकर भेजा जा सकता है। शेष दस का चयन केंद्र दूसरी सूची से कर सकता है।

कुलपति बिहार विश्वविद्यालय के डॉ. आरके सोहाने ने कहा, ‘योजना का उद्देश्य रोजगार का अवसर बढ़ाने के साथ युवकों को रोजगार प्रोवाइडर बनाना है। राज्य में कृषि क्षेत्र में अधिक संभावनाएं है। लिहाजा, यहां के लिए जैविक खेती, पशुपालन, कृषि प्रसार सेवा, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि यंत्र या नई तकनीक, कृषि आधारित आपूर्ति व भंडारण और कृषि स्वास्थ्य जैसे विषयों का चयन हुआ है। योजना पर काम शुरू हो गया है। पहले साल के कोटे में बिहार के 18 युवकों का चयन हुआ है। शेष रिक्तियों के लिए फिर से ट्रेनिंग दी जाएगी। हर साल 40 युवकों को सरकार सहायता देगी।’

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