राष्ट्रनायक न्यूज

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विनाशकारी मोदी सरकार और कोविड-19 में हुऐ नरसंहार के खिलाफ नक्सलवाड़ी क्रांतिकारी विरासत को बुलंद करते हुए भाकपा माले ने हिलसा प्रखंड कार्यालय  में नक्सलवाड़ी की 54 वीं बरसी मनाई

जिला संवाददाता। ब्रजेश कुमार। राष्ट्रनायक न्यूज।

हिलसा (नालन्दा)।  विनाशकारी मोदी सरकार और कोविड-19 में नरसंहार के खिलाफ लड़ाई में नक्सलवाड़ी क्रांतिकारी  विरासत को बुलंद करते हुए आज भाकपा माले के प्रखंड कार्यालय  हिलसा में नक्सलवाड़ी की 54 वीं बरसी मनाई गई, इस कार्यक्रम में भाकपा माले के कार्यालय सचिव दिनेश कुमार यादव ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि 25 मई 1967 को दुनिया में पहली बार नक्सलवाड़ी ब्रजनाद, को सुना गया था, न्याय मांगने के कारण दार्जिलिंग में 11 किसान परिवार जिसमें 8 महिलाएं एक पुरुष और दो बच्चे को क्रूर राजसत्ता ने गोलियों से भून डाला था। भारतीय राज्य सत्ता को चकित करते हुए नक्सलबाड़ी की चिंगारी समूचे मुल्क में वंचित और हासिये तबकों के बीच दमन और अन्याय के खिलाफ आग की लहर बन कर भड़क उठी और इसी विद्रोह की आंच में तप कर, निकले नई कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी और लेनिन वादी को व्यवस्थित तरीके से उस समय की मौजूदा सरकार नेस्तनाबूद करने के लिए हर तरह के आयाम अपनाकर कोशिशें जारी रखी, आज भी फासीवाद निजाम मुल्क के कई साहसी और प्रतिरोध आवाज को सरकारी तंत्र अनवर नक्सल कहता है। नक्सलबाड़ी एक किसान विद्रोह था इस दौर में भी हम खेत खेती और किसानी को कारपोरेट नियंत्रण से बचाने के लिए चल रहे ऐतिहासिक किसान आंदोलन इसका साक्षात गवाह है एक तरफ किसान मोदी सरकार के विनाशकारी कृषि कानून हटाने के लिए शहीद हो रहे हैं और दूसरी तरफ मजदूर भी निजी करण के साथ साथ श्रमिकों के तमाम अधिकारों को हड़पने वाली मोदी सरकार से लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने इस समय देश के आर्थिक संकट खेती खेती और किसानों की संकट शैक्षणिक संस्थानों पर हुए हमले मजदूरों के अधिकारों के खिलाफ हो रहे हमले के खिलाफ देश के तमाम मजदूर किसानों छात्र नौजवानों महिलाओं को एकजुट होकर इस केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ अपने आवाज को बुलंद करने एवं इस तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की इस मौके पर खेत ग्रामीण मजदूर सभा के जिला कमेटी सदस्य शिव शंकर प्रसाद नालंदा जिला कमेटी सदस्य रामदास अकेला किसान नेता कामेश्वर प्रसाद द्वारिका यादव रविंद्र प्रसाद आदि लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।