लाॅक डाऊन छूट के साथ सियासी गर्मी का तापमान तेज, सारण के 10 विधान सभा क्षेत्रों में चहल कदमी व पहल कदमी बढ़ी
- जातिवादी जमीन पर राष्ट्रवादी व समाजवादी, सेक्युलरवादी भले ही लाल केसरिया, हरा लंगोट में आएं असर तो जाति का ही रहेगा, कमोबेश
राणा परमार अखिलेश।छपरा (बिहार)
” अभी से दावादारी में कैरोना के तीमारदारी तेज है।
राजग-महागठबंधन टिकट में मारामरी तेज है।
तरक्की ताख़ रखो तीस बरस का लेखा-जोखा,
“राणा परमार” इंतखाबी दंगल की तैयारी तेज है।”
बहरहाल, कैरोना महामारी के बहाने लोक सेवा फिर सत्ता का मेवा का दौर का आगाज़ हो चुका है। बिहार की सीमा माँझी से पूर्व राज्यमंत्री गौतम सिंह ने हरा सफेद केसरिया तीर कमल के कपड़े वाली लंगोट बांध कर दंगल में गंगा सरयू की माटी कंधे पर मल रहे हैं । बहरहाल, देखना तो दिलचस्प होगा कि कौन कौन पहलवान चुनावी दंगल में कौन कौन सा दाँव अजमा रहे हैं और किस दल से आ रहे हैं ?
कैरोना लाॅक डाऊन के कारण अबतक चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं की। राज्यसभा के लिए घोषणा हो चुकी है। विधान परिषद की भी प्रतीक्षा में है। किंतु ,कैरोना संक्रमण के बाद तीसरे चरण में संगम बाबा, समेत कई लोगों ने खाद्यान्न, मास्क, साबुन, आदि वितरण शुरू किया। केंद्र सरकार ने खजाना खोल दिया प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल 1 किलो दाल 1000 रुपये, मुफ्त रसोई गैस देना शुरू किया। भले ही कुछ लोगों को मिला और कुछ को नहीं।क्वारेटाइन सेंटरों पर 14 दिवसीय एक होटल की सुविधा में प्रशासन व बिचौलियों की चांदी रही। प्रवासी श्रमिकों की वापसी पाॅजिटिव की संख्या में इजाफा, क्वारेटाइन सेंटरों की व्यवस्था के नाम पर अव्यवस्था और मध्यम वर्ग की उपेक्षा के बीच चुनाव तो तय है और नेताओं की मीटिंग, सिटिंग, इटिंग, ड्रिंकिंग के पूर्व टिकट सेटिंग की कवायतें तेज हैं। बहरहाल, सारण के 10 विधानसभा सीटों में 7 पर राजद एक पर कांग्रेस और दो पर भाजपा काबिल है। जातिवादी जमीन पर राष्ट्रवादी व समाजवादी, सेक्युलरवादी भले ही लाल केसरिया, हरा लंगोट में आएं असर तो जाति का ही रहेगा, कमोबेश ।
बिहार का सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र सोनपुर, जहाँ से दो मुख्यमंत्री (रामसुन्दर दास और लालू प्रसाद यादव) ने प्रतिनिधित्व किया है, वहाँ की लड़ाई प्रदेश की दिशा तय करती थी । 1967 के बाद 2000 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विनय कुमार सिंह ने स्वतंत्रता सेनानी दिघवारा के रामविनोद सिंह की विरासत को वापस ली। उधर जलालपुर विधान सभा से निर्दलीय प्रत्याशी जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने अभयराज किशोर को पटकनी देकर विधान सभा पहुचे। सोनपुर में स्कूल और पुल निर्माण के साथ शीतलपुर व दिघवारा में पावर स्टेशन रोड सड़के निर्माण जिला में नजीर बना । तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के प्रयास से शीतलपुर पावर ग्रिड, दूरभाष केन्द्र प्रत्येक सीएचसी के लिए एम्बुलेंस उसी कालखंड की देन है। 2000 में भाजपा के दोनों विधायक (सिग्रीवाल भाजपा के साथ रहे) और सांसद विकास को गति देते रहे। किंतु 2005 के चुनाव में भाजपा जदयू के 60-40 फार्मूला में दो बार चुनाव हुए छपरा से जदयू से रामप्रवेश राय, मढौरा से निर्दलीया लालबाबू राय, जलालपुर से भाजपा से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, गड़खा से भाजपा से ज्ञानचंद माँझी, अमनौर से जदयू से मंटू सिंह, परसा से छोटे लाल राय, मशरक से केदारनाथ सिंह, मांझी से गौतम सिंह जदयू विधान सभा पहुचे। किंतु सोनपुर में विनय का पांच वर्ष बनाम पचास वर्ष स्लोगन सही होते हुए भी प्रतिनिधित्व नहीं दे सका। राजद प्रत्याशी की जीत हुई।
2010 में मढौरा से जितेन्द्र राय के अलावा सभी 9 सीट एनडीए के खाते में गए। किंतु 2013 में एनडीए से जदयू अलग होकर यूपीए में शामिल हुए और 2015 के चुनाव में राजद को संजीवनी मिली 10 में 6 राजद और मांझी कांग्रेस के विजय शंकर दुबे और एकमा से धूमल सिंह जदयू की झोली में गया। अब पुनः जदयू एनडीए गठबंधन में हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा व लोजपा आसन्न चुनाव में ताल ठोकने को बेताब तो है, मगर सीट शेयरिंग क्या होगी ? चुनाव की घोषणा के बाद ही पता चलेगा। भाजपा जदयू और लोजपा को कौन कौन सीट मिलेंगे ?
सोनपुर में पूर्व व वर्तमान के अलावा जहाँ भाजपा टिकट के दावेदार विनोद सम्राट (पूर्व लोजपा-प्रत्याशी), सहित दर्जन भर गणेश परिक्रमा कर रहे है। वहीं राजद से रमेश यादव, बब्लू यादव जैसें दर्जनों टिकटार्थियों की फेहरिश्त है। परसा से छोटे लाल राय व वर्तमान राजद विधायक चंद्रिका राय की टिकट की दावेदारी जदयू की है। यदि छोटे लाल राय को जदयू का टिकट नहीं मिली तो परिणाम कहीं रघुनाथपुर वाल हो तो आश्चर्य नहीं। गड़खा से राहुल पासवान, संपत राम राही सदर के जिला पार्षद पूजा कुमारी, त्रिलोकी नाथ शर्मा सहित आधा दर्जन भाजपा के टिकटार्थी हैं तो मढौरा से लालबाबू राय सहित भी दर्जनों टिकटार्थियों की कमीं नहीं है। तरैया से संगम बाबा मुखिया के नाम आगे है तो अमनौर से कामेश्वर ओझा और मंटू सिंह, बनियापुर से तारकेश्वर सिंह सहित कई दावेदार हैं भाजपा के तो एकमा से राजद से देवकुमार सिंह समेत आधा दर्जन राजद के टिकटार्थी हैं । छपरा से राजद से रणधीर सिंह के विरूद्ध वर्तमान विधायक भाजपा के मुकाबले कन्हैया सिंह सहित कई दावेदार हैं। बहरहाल, महागठबंधन में यदि राजद नेता तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरा बनते है तो छपरा के दस सीटों में रालोसपा, वीआईपी, हम की हिस्से में कौन कौन सीटे मिलती हैं। फिर एनडीए में लोजपा को कौन सीटे मिलेगी ?
आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगीः परमात्मा सिंह
चुनावी दंगल में आम आदमी पार्टी अपना जनाधार बढ़ा रही है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता परमात्मा सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी, सारण प्रमंडल सहित बिहार के सभी सीटों पर एनडीए और महागठबंधन का मुकाबला करेगी । बिहार की जनता इन्हें देख चुकी है और देख रही है। ” “क्या है बिहार के विकास का हाल ? न चाचा न भतीजा बिहार मांगता है केजरीवाल ।”


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