अंधविश्वास: कोरोना भगाने के लिए उड़िशा के एक मंदिर में पुजारी नरबलि, पुलिस ने किया गिरफ्तार
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस यानी कोविड-19 संक्रमण को ठीक करने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दवा की खोज में लगे हुए हैं। वैक्सिन का रिसर्च किया जा रहा है। लेकिन भारत में अंधभक्ति एवं अंधविश्वास में अभी भी लोग कई तरकिब अपना रहे है। दैवीय चमत्कार की उम्मीद भी की जाने लगी है। यहां तक कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियों में कोरोना भगाने के लिए बिहार के सारण जिला के दर्जनों प्रखंडों के गांवों में गंगा दशहरा के अवसर पर कोरोना माई की पूजा की गई। जो शिक्षित व वैज्ञानिक सोच वाले व्यक्तियों के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं कोरोाना के संदर्भ में कोई कह रहा है कि कोरोना गो-मूत्र से ठीक हो जाएगा तो कोई कोरोना भगाने के लिए यज्ञ कर रहा है। लेकिन हद तब हो गई, जब कोरोना भगाने के लिए नरबली दे दी गई। जी हां, ठीक सुना आपने, नरबली, यानी कि कोरोना भगाने के लिए एक पुजारी ने एक इंसान की गला काट कर बलि दे दी। यह घटना घटी है ओडिशा के प्रमुख शहर कटक में। कटक के बाहुड़ा गांव में एक मंदिर है। मंदिर का नाम है ब्राह्मणी देवी मंदिर। यहीं पर यह हैरान कर देने वाली घटना घटी है। बलि देने के आरोप में 70 साल के पुजारी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को दिये अपने बयान में पुजारी ने कहा है कि चार दिन पहले हमें मां मंगला देवी का सपना आया था कि नरबलि देने से यह इलाका कोरोना महामारी से मुक्त हो जाएगा। इसके बाद बुधवार 27 मई की रात को जब गांव के ही 55 वर्षीय सरोज प्रधान मंदिर में पहुंचे तब पुजारी ने धोखे से धारदार कटारी से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। हालांकि घटना के बाद पुलिस ने पुजारी को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि भारत में ऐसा अंधविश्वास कब खत्म होगा।
(Source: Bahujan today)


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