पटना। लोजपा नेता चिराग पासवान ने मंगलवार को ट्विटर पर एक चिट्ठी शेयर की है। अपनी चिट्ठी में चिराग ने लिखा है कि जेडीयू ने हमेशा लोजपा को तोड़ने का काम किया है। 2005 फरवरी के चुनाव में हमारे 29 विधायकों को तोड़ा गया। 2005 नवंबर में हुए चुनाव में हमारे जीते हुए सभी विधायकों को तोड़ने का काम जेडीयू द्वारा किया गया। इसके बाद 2020 में हमारी पार्टी से जीते हुए एक विधायक को तोड़ने का काम भी जेडीयू द्वारा किया गया। चिराग ने आगे लिखा कि अब हमारे पांच सांसदों को तोड़ जेडीयू ने बांटो और शासन करो की रणनीति को दोहराया है।
चिराग ने अपनी चिट्ठी में सीएम नीतीश कुमार पर भी आरोप लगाया है। चिराग ने लिखा है कि कई बार नीतीश कुमार के द्वारा मेरे पिता और लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान की राजनीतिक हत्या का प्रयास किया गया। दलित और महादलित में बंटवारा करवाना उसी का एक उदाहरण है। नीतीश जी ने मेरे पिता को और मुझे राजनीतिक तौर पर समाप्त करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। पापा ने कभी नीतीश कुमार के साथ कोई समझौता नहीं किया।
अपने चाचा पशुपति कुमार पारस पर निशाना साधते हुए चिराग ने लिखा है कि छोटे चाचा रामचंद्र पासवान के निधन पहले ही हो गया था। मेरे पिताजी के गुजरने के बाद चाचा जी ही परिवार के मुखिया थे। ऐसे समय में उनके ऊपर परिवार संभालने की जिम्मेदारी और मेरा मार्गदर्शन करने का कर्तव्य था, उस वक्त हम सबको अकेला छोड़ दिया। मैं उन्हें अपने पिता की तरह मानता था लेकिन उन्होंने मुझे सिर्फ अपना प्रतिस्पर्धी समझा।
पाप के निधन के बाद उन्होंने मुझसे बात ही करना बंद कर दिया। चाचा जी ने मुझे ऐसे समय में धोखा दिया जब मैं टाइफाइड के कारण बिस्तर पर पड़ा था। रात के अंधेरे में मेरे भाई और बाकी सांसदों के साथ मिलकर मेरे पीठ में खंजर घोपने का काम किया। चिराग ने आगे लिखा है कि मैंने पार्टी और परिवार को अंत तक बचाने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने दरवाजा तक नहीं खोला। अंत में चिराग ने लिखा है कि आने वाले समय में हम सबको एक लंबी और राजनीतिक व सैद्धांतिक लड़ाई लड़नी है। ये लड़ाई राम विलास पासवान जी के विचारधारा को बचाने की है। चिराग ने लिखा है कि ये विश्वास रहे कि हम लोग कानूनी तौर पर कितने मजबूत हैं और पार्टी से निलंबित मुट्ठी भर लोग हमसे हमारी पार्टी नहीं छिन सकत हैं। लोजपा हमारी थी और हमारी रहेगी।


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