- 27 मनरेगा जेई में वर्षो से जमे दो रसूकदार जेई का नहीं हुआ तबादला
राष्ट्रनायक नयूज।
छपरा (सारण)। जिले के विभिन्न विभागों में कार्यरत तकनीकी एवं गैर तकनीकी कर्मियों एवं पदाधिकारियों का प्रशासनिक दृष्टीकोण से तबादला किया गया है। इसमें मनरेगा के जेई, पंचायत रोजगार सेवक यानी पीआरएस व प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना यानी पीएमएवाई के लेखापाल का तबादला किया गया है। तबादले के बाद सभी कर्मी नवपदस्थापित कार्यालयों में योगदान करने को लेकर बैकलॉग के कार्यो का निबटारा कर रहे है। जानकारी के अनुसार जिले के मनरेगा में कार्यरत करीब 252 पंचायत रोजगार सेवक और 27 कनीय अभियंता यानी जेई के स्थानांतरण यानी तबादला किया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में कार्यरत करीब 13 लेखापाल का तबादला किया गया है। इस बावत कई कर्मियों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि तबादले के इस खेल में जमकर रसूक का मेल भी हुआ है। उन्होंने बताया कि मनरेगा जेई के तबादला में रसूक की बू आ रही है। मनरेगा जेई के तबादला के दौरान गड़खा व मढ़ौरा का तबादला नहीं होना इस बात का गवाही दे रहा है कि रसूक का खेल हुआ है। कर्मियों की माने तो गड़खा एवं मढ़ौरा के जेई कई वर्षो से एक ही स्थान पर रसूकदार होने के कारण जमे हुए है। लेकिन जिन जेई का तबादला पिछले अप्रैल में हुआ था, उनका भी तबादला कर दिया गया है। जानकारों की माने तो प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना विभाग में कार्यरत कर्मियों के तबादले की सूचना मिलने के बाद डीआरडीए में रसूक का खेल शुरू हो गया। जिसको लेकर सोशल मीडिया में रसूक के बल पर मनचाहे स्थान पर तबादला का खेल होने को लेकर मैसेज वायरल होने लगा। जिसके बाद कई कर्मी भी अपने मनचाहे स्थान पर पदस्थापन को लेकर सेटिंग में जुट गये। जानकारों का कहना है कि तबादले में रसूक के खेल की सूचना जिलाधिकारी तक पहुंचने के बाद उनका खेल बिगड़ गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि जिलाधिकारी ने तबादले के खेल में रसूक के मेल की जांच का आदेश दिया है। साथ हीं कर्मियों के तबादले से संबंधित सभी फाइल खुद की देख-रेख में निष्पादित करा रहे है। जिससे रसूकदार कर्मियों में खासे बेचैनी देखी जा रही है। बहरहाल अब देखना है कि विभिन्न विभागों में होने वाला तबादला कैसे एवं किस तकनीक से होता है, ये बड़ा ही दिलचस्प होगा।


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