- तटबंध के निचले इलाकों में बसे दर्जनों गांवों में एक पखवाड़े के अंदर बाढ़ ने दूसरी बार मचाई तबाही
राष्ट्रनायक न्यूज।
तरैया (सारण)। नेपाल द्वारा वाल्मिकी नगर बराज से एक पखवाड़े के अंदर गंडक नदी में चौथी बार अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण नदी उफान पर है। जिस कारण सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे दर्जनों गांवों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी तबाही मचाये हुए है। गंडक नदी का जलस्तर बढ़ते ही तरैया व पानापुर के सीमावर्ती क्षेत्र सगुनी गांव से बाढ़ का पानी तरैया क्षेत्र में प्रवेश करना शुरू हो जाता है। जिससे दर्जनों गांव प्रभावित होते है। सारण तटबंध से सगुनी ढाला से सगुनी गंडक नदी घाट तक जानेवाली ग्रामीण सड़क बाढ़ के पानी में बह गया है। वहीं पुलिया के समीप सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है जहां से तीन से चार फीट पानी का काफी तेजी गति से बहाव हो रहा है। सड़क क्षतिग्रस्त व तेज पानी के बहाव के कारण सगुनी घाट जानेवाली सड़क में स्थित गांव में 125 परिवार अपने बाल बच्चे व मवेशियों के साथ फसे हुए है। उनलोगों को आने जाने का कोई साधन नहीं है। वहीं चंचलिया पंचायत के चंचलिया दियरा, बिंद टोली व बनिया हसनपुर गांव में बाढ़ के पानी से लगभग 150 परिवार घिरे हुए है। सारण तटबंध से तीन किमी अंदर बसे चंचलिया दियरा व मुजफ्फरपुर की सीमा तक जानेवाली सड़क बाढ़ के पानी की तेज बहाव के कारण चार जगहों पर टूट चुकी है। उक्त सड़क पर तीन से चार फीट पानी बह रहा है। चंचलिया दियरा निवासी नन्दकिशोर साह व तुलसी कुमार ने बताया कि हमलोगों का गांव गंडक नदी से मात्र एक-दो किमी की दूरी पर बसा हुआ है। गंडक नदी में थोड़ा सा भी जलस्तर बढ़ने पर हमलोग बाढ़ के पानी से घिर जाते है। घर से बाहर निकलने का एक मात्र साधन नाव ही होता है। सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क पर पानी का अंदाजा नही लग रहा है। वहीं सारण तटबंध के पूर्वी भाग में स्थित सगुनी गांव के बाद शामपुर, अरदेवा, जिमदाहा, शीतलपुर, फरीदनपुर, बनिया हसनपुर, चंचलिया दियरा में दूसरी बार पानी आने से आम से खास तक लोग परेशान है। हालांकि नेपाल द्वारा वाल्मिकी नगर बराज से चौथी बार छोड़े गये पानी की रफ्तार धीमी गति में है।


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